महिला पर लगाया युवक को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने का आरोप
देवबंद के कायस्थवाड़ा निवासी वृद्ध ने एक महिला पर उसके पौत्र को प्रेम जाल में फंसा धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है।
सहारनपुर, जेएनएन। देवबंद के कायस्थवाड़ा निवासी वृद्ध ने एक महिला पर उसके पौत्र को प्रेम जाल में फंसा धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है। वृद्ध के मुताबिक उक्त महिला दो बच्चों की मां है, जिसके बहकावे में आकर उनका पौत्र घर वालों से झगड़े पर उतारू है। वृद्ध ने पुलिस प्रशासन से कार्रवाई की गुहार लगाई है।
शुक्रवार को मोहल्ला कायस्थवाड़ा निवासी नत्थूराम एसडीएम दीपक कुमार के पास शिकायत लेकर पहुंचे और बताया कि एक महिला ने उसके पौत्र को अपने प्रेमजाल में फंसा कर धर्म परिवर्तन के लिए राजी कर लिया है। उसके द्वारा विरोध करने पर उसका पौत्र उसके साथ लड़ाई झगड़े पर उतारू है। वृद्ध ने बताया कि उसने इस संबंध में कोतवाली में तीन दिन पूर्व तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। एसडीएम दीपक कुमार ने बताया कि एक व्यक्ति इस तरह की शिकायत लेकर आया था, जिसे सीओ कार्यालय के लिए रेफर कर दिया गया है।
इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक प्रभाक कैंतूरा का कहना है कि अभी यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। उधर, हिदू जागरण मंच के प्रांतीय उपाध्यक्ष ठा. सुरेंद्रपाल सिंह ने कहा कि यदि प्रशासन ने इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं की तो राष्ट्ररक्षक आंदोलन को मजबूर होंगे।
उपेक्षा से त्रस्त हो सड़कों पर उतरने को मजबूर हुए टीबी उन्मूलन कर्मचारी
सहारनपुर: 20 वर्षो से भी अधिक समय से संविदा पर कार्य कर रहे टीबी स्वास्थ्य कर्मी तथा केन्द्र व प्रदेश सरकार के 2025 तक भारत और उत्तर प्रदेश को टीबी मुक्त करने के लिए तत्पर वरीयता प्राप्त राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के कर्मचारी अपनी उपेक्षा से आहत हो तालेबंदी एवं सड़कों पर उतरने को मजबूर है।
टीबी कंट्रोल एम्प्लायज वेलफेयर एसोसिएशन प्रदेश महामंत्री अमित तोमर बयान जारी कर कहा कि क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में वर्ष 2013 में मूल वेतन बढ़ा था। तबसे सिफऱ् वार्षिक आंशिक लाभ ही दिया गया है और टीबी के कई संवर्गों का वेतन बहुत ही कम है जिससे जीवन यापन भी कठिन हो रहा है। यह स्थिति तब है जबकि ह•ारों पद रिक्त हैं। प्रदेश अध्यक्ष सुनयना अरोरा ने कहा कि जनवरी 2019 में हड़ताल के पश्चात हुई विभागीय बैठक में पूर्व मिशन निदेशक द्वारा लिखित सहमति दी गई थी कि टीबी कर्मचारियों के 25 वर्षों के सेवा काल को देखते हुए उनको अतिरिक्त लॉयल्टी का लाभ देने का प्रपो•ाल केंद्र को भेजा जाएगा। संयोजक संजय सिंह ने कहा कि महामारी में जान गंवाने वालों को अभी तक घोषित बीमा राशि भी नही मिली है। यदि मसलों का हल नहीं हुआ तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।