..कितने दर्द हंसी के पीछे सोच समझ पहचाना कर
देवबंद में साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था चेतना के तत्वावधान में मंगलवार को काव्य गोष्ठी हुई जिसमें कवियों ने सुंदर काव्य पाठ कर श्रोताओं की जमकर वाहवाही लूटी।
सहारनपुर, जेएनएन। देवबंद में साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था चेतना के तत्वावधान में मंगलवार को काव्य गोष्ठी हुई, जिसमें कवियों ने सुंदर काव्य पाठ कर श्रोताओं की जमकर वाहवाही लूटी।
संतनगर कालोनी में हुई गोष्ठी कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तर प्रदेश जनकल्याण मंच के प्रदेशाध्यक्ष चौ. ओमपाल सिंह और समाजसेवी राजकिशोर गुप्ता ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रच्जवलित कर किया। इसके बाद डा. दिवाकर गर्ग ने अपनी रचना में कहा ' बिन चाहत सर्वस्व लुटाया करती, वो केवल मां की ही कुर्बानी होती है जहाज देवबंदी ने अपने इस काव्य पाठ 'तौबा-तौबा ये कोरोना के जमाने तौबा, अच्छे-अच्छे के लगे होश ठिकाने तौबा ने श्रोताओं को देर तक गुदगुदाया। प्रांशु जैन ने अपने अंदाज में कुछ यूं कहा 'मैं मील का पत्थर बना, मंजिल कभी ना बन सका, जश्न ए सफर उसका बना, पर जिदगी ना बन सका अधिवक्ता लोकेश वत्स ने पढ़ा' बिन पूछे भी चेहरा पढ़कर हाल सभी का जाना कर, कितने दर्द हंसी के पीछे सोच समझ पहचाना कर बलराज मलिक के इस काव्य पाठ 'मुझको सता रही है तेरी याद आज कल, कुछ पल में ही सनम तुम कितना गए बदल ने श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी। इस अवसर पर अतिथियों का सम्मान किया गया। मीरा चौरसिया, डा. बीपी सिंह, अरविद कुमार, आदेश चौहान, कुणाल धीमान, रितेश कुमार, संजय कुमार, असलम असंारी, नितिन शर्मा आदि मौजूद रहे।
मकान का ताला तोड़ की चोरी
चिलकाना: चोरों ने कस्बे के मोहल्ला गढ़ी में सरोज शर्मा पत्नी शिवकुमार अपने मायके गई थी। सोमवार रात चोरों ने उसके मकान का ताला तोड़कर अलमारी में रखे जेवर तथा एक हजार रुपये चोरी कर लिए। पुलिस चोरों का सुराग लगाने में जुटी हुई है।