तीन तलाक के खिलाफ कोई भी बिल मंजूर नहीं
देवबंद (सहारनपुर) : मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की सदस्या आमना रिजवान ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं शर
देवबंद (सहारनपुर) : मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की सदस्या आमना रिजवान ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं शरीयत की पाबंद हैं। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के खिलाफ किसी भी बिल की जरूरत नहीं है। क्योंकि वह इस्लाम के दामन में पूरी तरह महफूज हैं।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर मदरसा माहद आयशा सिद्दीका कासिमुल उलूम लिल बनात द्वारा चलाए जा रहे अभियान शरीयत हमारा ऐजाज के तहत बुधवार को ईदगाह रोड स्थित एक सभागार में आयोजित तफ्फुज शरीयत कांफ्रेंस में आमना रिजवान ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को किसी की झूठी हमदर्दी की जरूरत नहीं है। तीन तलाक विरोधी बिल मुस्लिम औरतों के लिए सियाह बिल है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की सदस्या अतिया सिद्दीकी ने कहा कि पश्चिमी सभ्यता से प्रभावित होकर औरतों की आजादी के नाम पर उन्हें बाजारों की जीनत बनाने का प्रयास किया जा रहा है। नेहरू स्मारक सैकेंडरी स्कूल नोएडा की प्रधानाचार्या डा. ईला मिश्रा ने कहा कि किसी भी सरकार को कोई हक नहीं है कि वह मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में हस्तक्षेप करे। माहद आयशा सिद्दीका की प्रधानाचार्या इफ्फत नदीम ने 'शरीयत हमारा ऐजाज अभियान के तहत किए गए मदरसा छात्राओं के जागरूकता फैलाने संबंधी कार्यों को सराहा। सम्मेलन में बुर्कानशीं महिलाओं ने अपने माथे पर 'शरीयत हमारा ऐजाज लिखी सफेद पट्टियां बांधकर तीन तलाक विरोधी बिल की मुखालफत में आवाज बुलंद की। कार्यक्रम में मदरसे की फारिग छात्राओं द्वारा लिखी गई पुस्तक 'औरत इस्लाम के साये में' का भी विमोचन किया गया। अध्यक्षता इफ्फत नदीम व संचालन सना शाहिद व तूबा अब्दुल्लाह मारूफी ने संयुक्त रूप से किया। फरहीन, सायमा, गुलअफशा, शीबा जमील, सदफ, सना नरगिस यामीन, जीनत के अलावा बड़ी संख्या में नगर व ग्रामीण क्षेत्र की मुस्लिम महिलाओं और मदरसा छात्राओं ने भाग लिया।