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अनवर के निधन पर रंगकर्मी गमगीन

रंगमंच की कर्मभूमि सहारनपुर में वरिष्ठ रंगकर्मी सरदार अनवर की भूमिका मार्गदर्शक की थी। उनके सिखाए कई शागिर्द आज फिल्मी दुनिया और कई अन्य मंचों पर सितारे बनकर जगमगा रहे हैं। फिल्म एयरलिफ्ट नक्काश व फिल्मिस्तान आदि में काम कर चुके इनामुलहक तो इनके दामाद हैं। कोरोना ने रंगमंच का यह सितारा छीना तो थिएटर की दुनिया में दुख की लहर छा गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 11:16 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 11:16 PM (IST)
अनवर के निधन पर रंगकर्मी गमगीन
अनवर के निधन पर रंगकर्मी गमगीन

सहारनपुर, जेएनएन। रंगमंच की कर्मभूमि सहारनपुर में वरिष्ठ रंगकर्मी सरदार अनवर की भूमिका मार्गदर्शक की थी। उनके सिखाए कई शागिर्द आज फिल्मी दुनिया और कई अन्य मंचों पर सितारे बनकर जगमगा रहे हैं। फिल्म एयरलिफ्ट, नक्काश व फिल्मिस्तान आदि में काम कर चुके इनामुलहक तो इनके दामाद हैं। कोरोना ने रंगमंच का यह सितारा छीना तो थिएटर की दुनिया में दुख की लहर छा गई। रंगकर्मी होने के साथ-साथ वह अच्छे शायर और कामरेड भी थे, जिन्होंने आइटीसी में नौकरी के दौरान साथियों के हकों के लड़ाई को मजबूती के साथ लड़ा।

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वरिष्ठ रंगकर्मी सरदार अनवर पिछले तीन चार दिन से बुखार से पीड़ित थे, जिसके बाद इन्हें पीजीआई पिलखनी में भर्ती कराया गया था। गुरुवार को इनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई और रात करीब 11 बजे इनका निधन हो गया। इनके करीबी गुलाम रब्बानी ने बताया सरदार अनवर की जिदगी का सफर आइटीसी कंपनी से शुरू हुआ था। इनके कोई बेटा नहीं बल्कि चार बेटियां हैं। शुरुआत से वह रंगमंच से जुड़े रहे और कई बार इप्टा सहारनपुर के अध्यक्ष रहे वर्तमान में वह इप्टा चैप्टर सहारनपुर के संरक्षक थे। रंगमंच में उन्होंने हमेशा नये रंगकर्मियों को बढ़ावा दिया। गुलाम रब्बानी बताते हैं कि रंगकर्म के साथ-साथ सरदार अनवर अच्छी शख्सियत के साथ-साथ एक अच्छे शायर भी थे। उनकी शायरी को किताब की शक्ल में तो नहीं, मगर वह हर दौर की शायरी करते थे। इतना ही नहीं सामाजिक व्यक्ति होने के साथ-साथ वह कम्यूनिस्ट भी थे जो अपनी साथियों की हक की लड़ाई मजबूती के साथ लड़ते थे।

उनके निधन पर मकबूल मेमोरियल सोसायटी के शब्बीर शाद ने कहा कि सहारनपुर का एक हीरा खो दिया है। इनके निधन पर गुलाम रब्बानी, जावेद खान सरोहा, केके गर्ग, विजयपाल, राकेश जैन, पवन शर्मा, संदीप शर्मा, गीता चौहान, आदि ने भी शोक प्रकट किया। इप्टा पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने शोक जताया है। इप्टा के अध्यक्ष निमिष भटनागर ने कहा कि सरदार अनवर एक अच्छे लीडर, रंगकर्मी, शायर, हर दिल अ•ाी•ा और एक बेहतरीन इन्सान थे। भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा ) सहारनपुर चैप्टर ने उनके संरक्षण में थिएटर के कई प्रतिमान स्थापित किए। सरदार अनवर के असामयिक निधन की खबर वास्तव में बहुत ही दु:खद एवं चौंकाने वाली है। इप्टा के लिए यह अपूर्णीय क्षति है। इप्टा महासचिव वीके शर्मा एडवोकेट ने कहा कि उनके निधन से इप्टा अपने आपको अनाथ महसूस कर रही है। इस दु:ख के समय में उनके परिवार को इस दु:ख को सहने की शक्ति प्राप्त हो। सहारनपुर के रंगकर्मियों और इप्टा से जुड़े वीके डोभाल, इनामुलहक, काशिफ नून सिद्दीकी, ़खालिद हसन, अनिल जे शर्मा, सतनाम सिंह, अनुपमा आदि ने भी सरदार अनवर के निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की हैं।


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