नकली नोटों के पकड़े जाने से व्यापारियों में खलबली
नानौता में सहारनपुर क्षेत्र में लाखों रुपये के नकली नकली नोट पकड़े जाने की घटना के बाद मची खलबली के चलते नगर के व्यापारियों द्वारा बड़े नोट विशेषकर पांच सौ के नोट को लेने में बड़ी सतर्कता बरती जा रही है।
सहारनपुर, जेएनएन। नानौता में सहारनपुर क्षेत्र में लाखों रुपये के नकली नकली नोट पकड़े जाने की घटना के बाद मची खलबली के चलते नगर के व्यापारियों द्वारा बड़े नोट विशेषकर पांच सौ के नोट को लेने में बड़ी सतर्कता बरती जा रही है। अनजान लोगों को बड़े नोट के बदले खरीदारी करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
शुक्रवार को सहारनपुर क्षेत्र में लगभग पौने चार लाख रुपए के नकली पांच-पांच सौ रुपये के नोटों के साथ कहीं आरोपितों को पकड़ा गया था। इसकी जानकारी मिलने पर नगर के व्यापारियों में भी खलबली मच गई है। बड़े नोटों की सही जानकारी नहीं होने के चलते नगर के व्यापारी वर्ग द्वारा अनजान ग्राहक से पांच सौ व दो हजार के नोट को नहीं लिया जा रहा है। इससे ना सिर्फ उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है बल्कि अनजान व्यक्तियों को खरीदारी करने में भी दुश्वारियां आ रही है।
उप्र व्यापार मंडल के जिला संयोजक राजीव नामदेव का कहना है कि नकली नोटों के प्रचलन से जहां व्यापारियों के कारोबार पर असर पड़ता है।वहीं अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह चरमरा जाती है। कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
फल विक्रेताओं पर पुलिस की सख्ती से नाराजगी
छुटमलपुर: साप्ताहिक लाकडाउन में पाबंदी से मुक्त रखे गए फल विक्रेताओं पर पुलिस की सख्ती लोगों को रास नहीं आ रही है। पाबंदी से मुक्त होने के बावजूद भी पुलिस डंडे के बल पर रेहड़ी ठेले वालों को फल बेचने से रोक रही है।
शनिवार और रविवार को साप्ताहिक कोरोना कर्फ्यू के चलते कस्बे के सभी बाजार बंद रहते है। अलबत्ता पाबंदी से मुक्त होने के कारण फल विक्रेता अपनी रेहड़ी ठेली लेकर गली मुहल्लों में फल बेचने का प्रयास करते है तो पुलिस उन्हें लठिया कर भगा देती है। फल विक्रेता मो फारुक, मुस्तकीम, मो हारुन, रिकू कुमार, आशु, पिटू, ममुकेश, कालू, प्रेम, असलम, पीरू, नसीम, वाहिद व रईस आदि ने बताया कि साप्ताहिक लाकडाउन वाले दिन वह गली मुहल्लों में रेहड़ी ठेली लगाकर फल बेचने का प्रयास करते हैं तो पुलिस उनके साथ अभद्र व्यवहार करती है। उनपर डंडे बरसाती है। एसओ सतेंद्र नागर का कहना है कि किसी के साथ अभद्रता नहीं की गई। फल विक्रेताओं को केवल भीड़ लगाने और सड़क पर आने से रोका जाता है।