सर्द हवाओं संग बारिश, बदला मौसम का मिजाज
जिले के मौसम ने एक बार फिर तेजी से करवट ली है। गत रात्रि में घने बादल छाने के साथ ही हुई तेज बारिश तथा सर्द हवाओं के चलने के कारण मौसम का मिजाज तेजी के साथ बदला है।
सहारनपुर, जेएनएन। जिले के मौसम ने एक बार फिर तेजी से करवट ली है। गत रात्रि में घने बादल छाने के साथ ही हुई तेज बारिश तथा सर्द हवाओं के चलने के कारण मौसम का मिजाज तेजी के साथ बदला है। ठंड बढ़ने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
गत शाम से ही आसमान में घने बादल छाने लगे थे तथा देर रात तेज हवाओं के साथ बारिश की रिमझिम का सिलसिला सुबह तक चला। शुक्रवार की सुबह भी घने बादलों के साथ हुई लेकिन दोपहर में कुछ देर के लिए धूप चमकी जरूर परन्तु सर्द हवाओं में आई तेजी के कारण बेअसर साबित हुई। शाम से पूर्व ही पुन: बादल छाने व सर्द हवाओं में तेजी के साथ बूंदाबांदी ने मौसम के मिजाज को पूरी तरह से पलट कर रख दिया है। उधर अधिकतम तापमान में भी 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। शुक्रवार को तापमान अधिकतम 23 डिग्री तथा न्यूनतम 12.5 डिग्री सेल्सियस व वर्षा 11 एमएम दर्ज की गई। मौसम वेधशाला प्रभारी उमेश कुमार अगले 24 घंटे के दौरान बादलों के छाए रहने व बूंदाबांदी के अलावा सर्द हवाओं में तेजी की संभावना जता रहे है।
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गेहूं सरसो व आम की फसल को नुकसान
दरअसल गुरुवार को शुरू हुई तेज हवाओं के साथ बारिश का सिलसिला किसानों के लिए बिन बुलाई आफत साबित हो रहा है। बारिश व तेज हवाओं के कारण अनेक क्षेत्रों में गेहूं की फसल पूरी तरह से बिछकर खराब होने की लगातार सूचनाएं मिल रही है। सरसों तथा आम की फसल के भी खराब होने का खतरा बढ़ता जा रहा है। है।
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ये फसले हो रहीं प्रभावित
बारिश व तेज हवाओं की सबसे अधिक मार गेंहू व सरसों की फसलों पर पड़ी है। गेहूं फसल में बालिया निकल रही है उनके तेज हवाओं के कारण गिरने अथवा बारिश से दाना पड़ने के आसार खत्म हो जाते है। सरसों में भी फूल आ रहा है बारिश फूल झड़ने से दाने नहीं पड़ते है और फसल खराब होने का अंदेशा बढ़ जाता है। चने की फसल का भी यही हाल है।आम की फसल को भी भारी नुकसान होने की संभावना बढ़ गई है. बारिश के कारण आम में हर्रा रोग का प्रकोप बढ़ेगा।
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मसूर व सब्जियों के लिए फायदेमंद
कृषि वैज्ञानिक डा. आईके कुशवाहा का कहना है कि यह बारिश मंसूर व मटर के अलावा तमाम सब्जी की फसलों के लिए फायदेमंद है। बारिश से सब्जियों का उत्पादन बढ़ेगा तथा सिचाई आदि की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। जबकि गेहूं, सरसों, चना व आम की फसलें प्रभावित होंगी। कुल मिलाकर बारिश से किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचने के आसार बन गए हैं।