देश में खुशहाली की दुआ को अल्लाह की बारगाह में उठे हाथ
मुकद्दस महीने रमजान के तीसरे जुमा की नमाज नगर व ग्रामीण क्षेत्र की प्रमुख मस्जिदों में मजहबी अकीदत के साथ अदा की गई। अकीदतमंदों की अल्लाह की बारगाह में हाथ उठे
देवबंद (सहारनपुर) : मुकद्दस महीने रमजान के तीसरे जुमा की नमाज नगर व ग्रामीण क्षेत्र की प्रमुख मस्जिदों में मजहबी अकीदत के साथ अदा की गई। अकीदतमंदों की अल्लाह की बारगाह में हाथ उठे और देश की खुशहाली की दुआएं की गई।
मर्कजी जामा मस्जिद में मुफ्ती आरिफ कासमी ने जुमा की नमाज अदा कराई। नमाज के उपरांत मुफ्ती आरिफ कासमी ने सदका ए फितर पर रोशनी डालते हुए कहा कि हर मुसलमान मर्द, औरत, बालिग और नाबालिग पर फर्ज है। ईद के चांद से पहले सदका ए फितर अदा करना बेहतर है, जिससे कि गरीब लोग भी ईद की खुशियों में शामिल हो सकें। बताया कि सदका ए फितर में एक किलो 633 ग्राम गेहूं या फिर उक्त वजन के हिसाब से गेहूं की रकम बाजार भाव के हिसाब से अदा कर दी जाए, जबकि आटे के हिसाब से यह रकम 35 रुपये बनती है, या फिर हैसियत के मुताबिक छुआरे, खजूर या किशमिश के उक्त वजन के हिसाब से भी सदका-ए-फितर की राशि अदा की जा सकती है। उन्होंने ऐतकाफ की फजीलत पर भी रोशनी डाली और आखिरी अशरे में एकांतवास में रहते हुए अल्लाह की ज्यादा से ज्यादा इबादत करने पर जोर दिया।
मौलाना आरिफ ने दुनिया में मुसलमानों की सुरक्षा, समृद्धि और देश में अमनो अमान के लिए दुआ कराई। मस्जिद रशीद में जमीयत उलमा ए हिद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी नमाज अदा कराई और रोजे की एहमियत पर ब्यान किया और दुआ कराई। इनके अलावा दारुल उलूम की कदीम मस्जिद, मस्जिद छत्ता, मस्जिद काजी, कायस्थवाड़ा की गूंदनी मस्जिद, शाहमारो मस्जिद, पठानपुरा की लाम मस्जिद, किला मस्जिद के अलावा प्रमुख मस्जिदों में जुमा की नमाज अदा कराई गई।
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