कुपोषण के खात्मे को मुनेश का संघर्ष दिखा रहा असर
यूं तो बाल विकास विभाग में कार्यरत सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुपोषण की जंग लड़ रही हैं लेकिन विकासखंड मुजफ्फराबाद के गांव रसूलपुर की कार्यकत्री मुनेश देवी ऐसी आंगनबाड़ी कार्यकत्री हैं जो कुपोषण के खात्मे को सुपोषण की लड़ाई पूरी तन्मयता से लड़कर अपने काम को बखूबी अंजाम दे रही हैं।
सहारनपुर, जेएनएन। यूं तो बाल विकास विभाग में कार्यरत सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुपोषण की जंग लड़ रही हैं, लेकिन विकासखंड मुजफ्फराबाद के गांव रसूलपुर की कार्यकत्री मुनेश देवी ऐसी आंगनबाड़ी कार्यकत्री हैं, जो कुपोषण के खात्मे को सुपोषण की लड़ाई पूरी तन्मयता से लड़कर अपने काम को बखूबी अंजाम दे रही हैं। कुपोषित बच्चों के सुपोषण के लिए वह गर्भवती महिलाओं को समझाती हैं, तो साथ ही शासन की योजनाओं की जानकारी भी देती हैं।
विकासखंड मुजफ्फराबाद के गांव रसूलपुर की कार्यकत्री मुनेश देवी आंगनबाड़ी कार्यकत्री के परिक्षेत्र में शाइस्ता नाम की गर्भवती महिला पांचवी संतान के जन्म के समय अत्यंत कमजोर थी। इस कारण बच्चे के जन्म के समय जच्चा-बच्चा बहुत ही कमजोर थे। वजन भी कम होने के कारण बच्चा कुपोषण का शिकार था। कार्यकत्री मुनेश देवी ने बार-बार शाइस्ता के घर का भ्रमण किया और उसे सलाह दी। अपने प्रयासों से समय-समय पर इनके ब्लड प्रेशर की जांच कराई। इतना ही नहीं आंगनबाड़ी मुनेश ने लगातार भ्रमण कर सामुदायिक सहयोग से इसकी मदद की और उनके खान-पान का ध्यान रखा। उनके प्रयासों से जच्चा-बच्चा लाल कार्ड से हरे ग्रेड में लाया गया। इसके अतिरिक्त वह अपने सर्वे पर फील्ड में महिलाओं के साथ लगातार संपर्क कर उन्हें उचित आहार व साफ सफाई के बारे में बताकर बच्चों को कुपोषण का शिकार होने से बचा रही है। जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी ने बताया कि मुनेश के काम की चर्चा उनके विभाग में अक्सर होती हैं। हर कोई बताता है कि मुनेश अपने काम के साथ-साथ शासन की योजनाओं की जानकारी भी देती है।