जेलर पर सख्त हुई अदालत, पूछा कैसे कर दी रिहाई
लाकडाउन के दौरान जेल से रिहा किए गए सजायाफ्ता को लेकर एसएसी-एसटी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने जेलर को बुला कर कड़ी फटकार लगाई। पूछा कि आठ आरोपितों की रिहाई कैसे की गई। नाराजगी जाहिर करते हुए अदालत ने जेलर को उन्हें जल्द पकड़ने को कहा है साथ ही लिखित में स्पष्टीकरण भी मांगा है।
सहारनपुर जेएनएन। लाकडाउन के दौरान जेल से रिहा किए गए सजायाफ्ता को लेकर एसएसी-एसटी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने जेलर को बुला कर कड़ी फटकार लगाई। पूछा कि आठ आरोपितों की रिहाई कैसे की गई। नाराजगी जाहिर करते हुए अदालत ने जेलर को उन्हें जल्द पकड़ने को कहा है, साथ ही लिखित में स्पष्टीकरण भी मांगा है।
कोरोना वायरस के दौरान अप्रैल माह में शासन ने सजायाफ्ता व बंदियों को जेल से चार-चार सप्ताह के लिए रिहा करने के निर्देश दिए थे। इसी आदेश के तहत जिला जेल से 54 सजायाफ्ता व बंदियों को रिहा किया गया था। रिहाई की अवधि को लगातार बढ़ाया जा रहा था। इसी व्यवस्था के तहत थाना रामपुर मनिहारान के गांव नंदपुर के भी आठ सजायाफ्ता मेघराज, ललित, जुगनू, देवकुमार, नीरज, सेठपाल, धीर सिंह व एक अन्य को रिहा हुए थे। जेल से छूटने के बाद उक्त सभी आठों कैदी हाईकोर्ट से जमानत मंजूर करवा लाए और रिहाई के आदेश के लिए सभी एससी-एसटी कोर्ट पहुंचे तो न्यायाधीश वीके लाल यह देख कर हैरान हो गए कि, जो लोग पहले ही रिहा हैं, वह उनकी रिहाई के आदेश कैसे कर दें। इस मामले में बुधवार को न्यायाधीश ने जेलर को कोर्ट में तलब किया था।
इनका कहना है..
यह आठ मुजरिम सजायाफ्ता हैं, इसलिए इन्हें रिहा करने के लिए शासनादेश आया था। ऐसे में अब यह आठों अपनी जमानत करवा चुके हैं, लेकिन रिहा हो चुके लोगों की रिहाई के आदेश कैसे किए जाएं, यह पेच फंस गया है। हालांकि इन सभी आठों से फोन पर संपर्क किया जा रहा है कि, ताकि वह सभी जेल आएं तो उनसे हस्ताक्षर करवा कर पुन: जेल से रिहा किया जाएगा।
डा. वीरेशराज शर्मा, वरिष्ठ जेल अधीक्षक।