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नगर परिक्रमा के साथ की श्रीजी की प्रतिमा स्थापित

जैन समाज द्वारा भैया दूज पर्व के दिन मनाया जाने वाला वार्षिक स्वर्ण गजरथ महोत्सव इस बार बेहद सूक्ष्म तरीके से मनाया गया। जिसमें श्रीजी की प्रतिमा के साथ नगर की परिक्रमा की गई। बाद में विधि विधान के साथ प्रतिमा को मंदिर में विराजमान कर दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 07:16 PM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 07:16 PM (IST)
नगर परिक्रमा के साथ की श्रीजी की प्रतिमा स्थापित
नगर परिक्रमा के साथ की श्रीजी की प्रतिमा स्थापित

सहारनपुर जेएनएन। जैन समाज द्वारा भैया दूज पर्व के दिन मनाया जाने वाला वार्षिक स्वर्ण गजरथ महोत्सव इस बार बेहद सूक्ष्म तरीके से मनाया गया। जिसमें श्रीजी की प्रतिमा के साथ नगर की परिक्रमा की गई। बाद में विधि विधान के साथ प्रतिमा को मंदिर में विराजमान कर दिया गया।

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सोमवार को सराफा बाजार स्थित जैन मंदिर से सुबह 9 बजे श्रीजी की प्रतिमा को रथ पर आसीन कर नगर की परिक्रमा की गई। इस दौरान जैन धर्मावलंबियों ने नाचते गाते तथा भजन गाते हुए रथ की अगवानी की। धर्मावलंबी नंगे पैर परिक्रमा कर नगर के मुख्य मार्गो से होते हुए वापस मंदिर पहुंचे। जहां घंटे घड़ियाल की मधुर ध्वनि तथा जयकारों के बीच श्रीजी का अभिषेक कर प्रतिमा जी को विधि विधान से वेदी में विराजमान करा दिया गया। श्रीजी के ख्वासी बनने का सौभाग्य अरुण कुमार जैन को मिला। वहीं अंकित जैन सारथी, पीके जैन भंडारी, अनुभव जैन तथा धवल जैन इंद्र बने हुए थे। इस अवसर पर नवीन जैन, नरेश चंद जैन, दिनेश जैन, सतीश चंद्र जैन, संजय जैन, संदीप जैन, अरविद जैन, योगेश जैन, मोहित जैन आदि जैन समाज के काफी स्त्री-पुरुष एवं बच्चे उपस्थित रहे।

देवबंद : जैन धर्म के 24वें तीर्थकर भगवान महावीर के निर्वाण महोत्सव के अवसर पर नगर में भव्य स्वर्ण रथ यात्रा का आयोजन किया गया। बैंडबाजों की धार्मिक धुनों के बीच वातावरण भक्तिमय बना रहा।

सोमवार को नगर के जैन समाज एवं श्री दिगंबर जैन पंचायत समिति द्वारा स्वर्ण रथयात्रा निकाली गई। यात्रा में मनोहारी स्वर्णरथ पर विराजमान भगवान महावीर की प्रतिमा मुख्य आकर्षण का केन्द्र रही। भगवान पा‌र्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर सरागवाड़ा से शुरू हुई यात्रा दिगंबर जैन मंदिर बाहरा, हलवाई हट्टा और मंदिर जी कानूनगोयान से होकर मित्रसैन चौक पर पहुंची। जहां स्वर्णरथ पर भगवान जी की प्रतिमा को विराजमान किया गया। बाद में यात्रा विभिन्न मार्गों से होती हुई दिगंबर जैन मंदिर नेचलगढ पहुंची। जहां बनी पांडुक शिला पर 1008 कलशों से श्रीजी का अभिषेक व पूजन किया गया। इसके उपरांत यात्रा पुन: इन्ही मार्गो से होती हुई मंदिर जी सरागवाड़ा पहुंचकर सम्पन्न हुई। इस मौके पर पिल्लू जैन, सुदेश जैन, प्रवीण जैन, अजय जैन, सुधीर जैन, अनुज जैन, मुकेश जैन, अखिलेश जैन, ऋषभ जैन, अर्पित जैन, लक्ष्य जैन, रविन्द्र जैन, संयम जैन, अतुल जैन, धैर्य जैन, गर्व जैन, अनुज जैन, प्रांशु जैन, पारस जैन, हर्षित जैन, सुनील जैन, चंदनबाला जैन, नितिका जैन, मोनिका जैन, सुनीता जैन, पायल जैन आदि मौजूद रहे।


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