मुस्लिम महिलाओं का हक मार रहे मौलाना : फरहा फैज
तीन तलाक व हलाला के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रही सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फरहा फैज ने कहा कि देश शरीयत से नहीं बल्कि संविधान से चलेगा।
सहारनपुर (जेएनएन)। तीन तलाक व हलाला के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहीं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फरहा फैज ने कहा कि देश शरीयत से नहीं, बल्कि संविधान से चलेगा। जबरन शरीयत थोपने वाले मौलवियों पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। आरोप लगाया कि दारुल उलूम की विचारधारा वाले मदरसे आतंक की शिक्षा देते हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी दारुल उलूम का प्रोडक्ट है।
रविवार को देवबंद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए फरहा ने कहा कि मुस्लिम कट्टरपंथी नहीं चाहते कि देश में तीन तलाक बिल लागू हो। क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं इससे उनकी तीन तलाक, हलाला, चार शादियां कराने और फतवों की दुकानें बंद न हो जाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि दारुल उलूम के तलबा ने ही कई माह पूर्व ट्रेन में उन पर हमला किया था। हालांकि दारुल उलूम ने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया था। कहा, हमलावरों को सजा मिलने तक वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगी। इससे पूर्व फरहा का पगड़ी पहनाकर स्वागत किया गया। उधर, फरहा के आरोपों के मद्देनजर दारुल उलूम ने कुछ भी टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।