राज्य सूचना आयुक्त ने अधिकारियों पर लगाया जुर्माना
11 अधिकारियों पर समय पर जनसूचना न देने व हीला हवाली करने पर 25-25 हजार का अर्थदंड लगाया। कहा कि जानबूझकर जनसूचना उपलब्ध नहीं कराना अथवा गलत सूचना देने वाले अधिकारियों खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी
सहारनपुर : राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने सहारनपुर कलेक्ट्रेट में दूसरे दिन वादों की सुनवाई करते हुए 11 अधिकारियों पर समय पर जनसूचना न देने व हीला हवाली करने पर 25-25 हजार का अर्थदंड लगाया। कहा कि जानबूझकर जनसूचना उपलब्ध नहीं कराना अथवा गलत सूचना देने वाले अधिकारियों खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
हाफिज उस्मान ने डीएम कार्यालय में पत्रकारवार्ता के दौरान बताया कि जनसूचना उपालब्ध नहीं कराने पर विकास प्राधिकरण सहारनपुर, तहसीलदार चंदौसी, संभल व गुन्नौर, थानाध्यक्ष नागल, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सहारनपुर, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक, सहकारिता, बिजनौर, जिला पंचायतराज अधिकारी मुजफ्फरनगर, उपखंड अधिकारी विद्युत वितरण खंड गंगोह, अधिशासी अभियंता वि.वि खंड खतौली एवं दुग्ध विकास विभाग बिजनौर पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदण्ड एवं प्रभारी चिकित्सा अधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोरना पर 15 हजार रुपये अर्थदंड लगाया। बताया कि आज की सुनवाई के दौरान 2 लाख 65 हजार रुपये अर्थदण्ड अधिकारियों पर लगाया गया। साथ ही अधिनियम की धारा-20(2) के तहत विभागीय एवं धारा 19(8)(ख) के तहत क्षतिपूर्ति की कार्रवाई की भी चेतावनी जारी की गयी है। उस्मान ने बताया कि सुनवाई के दौरान बीएसए मुजफ्फरनगर, अधिशासी अभियंता विवि खंड खतौली, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सहारनपुर एवं क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी पूर्ति विभाग धामपुर पर 5-5 हजार रुपये वादी को बतौर क्षतिपूर्ति देने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि सुनवाई के दौरान 25 वाद निस्तारित किए गए जिसमें वादी को सूचनाएं उपलब्ध कराई गई। 5 फाइलों में प्रतिवादी को निर्देशित किया गया कि अगले 30 दिन के अंदर वादी को सूचनाएं उपलब्ध कराएं। उस्मान ने बताया कि कुल 51 वादों की सुनवाई कलेक्ट्रेट सहारनपुर में की गई। तीन वाद दूसरे विभाग से संबंधित होने के तहत अंतरित हुए। जिनपर तृतीय पक्ष को नोटिस जारी कर अगले 10 दिन में अपनी आपत्ति शपथ-पत्र के साथ दर्ज कराने को निर्देशित किया गया। तीन मामलों में सूचना दूसरे विभाग से संबंधित होने पर अधिनियम की धारा-6(3) के तहत प्रतिवादी ने नियमानुसार वादी का पत्र संबंधित विभाग को अंतरित कर आयोग को सूचित किया। एक मामला जनहित से संबंधित होने पर अधिनियम की धारा-18(2) के तहत प्रकरण में एसडीएम को जांच के आदेश दिए और निर्देशित किया कि मामले में वादी प्रतिवादी के बयान कलमबद्ध करते हुए जांच करें। जांच की रिपोर्ट आयोग के समक्ष पेश करे। इस मौके पर कई अधिकारी मौजूद रहे।