रिमांड में लापरवाही बरतने वाली पुलिस की जांच करें एसएसपी
आनलाइन सट्टे का कारोबार करने वाले दो आरोपितों को रिमांड पर लेकर अदालत की गाइड लाइन का पालन नहीं करने पर अदालत ने जांच के आदेश दिए हैं।
सहारनपुर, जेएनएन। आनलाइन सट्टे का कारोबार करने वाले दो आरोपितों को रिमांड पर लेकर अदालत की गाइड लाइन का पालन नहीं करने पर अदालत ने जांच के आदेश दिए हैं। एसएसपी को आदेशित किया है कि वह मामले की खुद जांच करें और तीन माह के अंदर सीजेएम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करें। इस मामले में दो वकीलों ने अदालत में याचिका डाली थी कि पुलिस टीम ने रिमांड के समय अदालत की गाइड लाइन का पालन नहीं किया। उल्टा दोनों अधिवक्ताओं के साथ अभद्रता की।
दरअसल अधिवक्ता अनुपम सहाय और रिषी सिंह सिकरवार ने बताया कि शहर कोतवाली पुलिस ने कुछ दिन पहले आनलाइन सट्टे के कारोबार का आरोप लगाकर भानू भक्ता पोडले और पदम राज सुवैदी को गिरफ्तार किया था। इसी दौरान पुलिस ने दोनों का रिमांड लेने के लिए 10 नवंबर 2020 को रिमांड मांगा। अदालत ने 72 घंटे का रिमांड मंजूर कर लिया, जिसके बाद इंस्पेक्टर हरीश राजपूत अपनी टीम के साथ दोनों को रिमांड पर लेकर सिल्वर आक अपार्टमेंट गाजियाबाद गए। इस दौरान अधिवक्ता भी अपनी कार से पुलिस की कार का पीछा कर रहे थे। अदालत का आदेश था कि पूरे रिमांड के समय वीडियोग्राफी कराई जाए। आरोप है कि न तो वीडियोग्राफी कराई और न ही अधिवक्ताओं को साथ में रखा। उल्टा अधिवक्ताओं पर आरोप लगाया कि उन्होंने पुलिस की गाड़ी में टक्कर मारी, ताकि आरोपित और पुलिसकर्मी घायल हो जाएं। इसका राजनगर गाजियाबाद थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। अधिवक्ताओं का आरोप है कि पुलिस टीम का मकसद केवल यह था कि वह रिमांड पर लिए गए आरोपितों के साथ न जाएं। मुकदमा दर्ज होने के कारण वह आरोपितों के साथ नहीं जा पाए। अब अदालत ने इस मामले में एसएसपी को आदेश दिया है कि वह पूरे मामले की जांच करके अदालत में रिपोर्ट दे। इसके बाद सीजेएम मामले में निर्णय लेंगे।