सिख परिवार ने मुस्लिम युवक को डेढ़ माह दी घर में शरण
देवबंद में दुनियाभर में शांति का पैगाम पहुंचाने वाली इल्म ओ अदब की नगरी देवबंद ने एक बार फिर से मानवता की मिसाल पेश की।
सहारनपुर, जेएनएन। देवबंद में दुनियाभर में शांति का पैगाम पहुंचाने वाली इल्म ओ अदब की नगरी देवबंद ने एक बार फिर से मानवता की मिसाल पेश की।
देवबंद के एक सिख परिवार ने लॉकडाउन के दौरान 45 दिन तक एक मुस्लिम युवक को अपने घर में शरण देकर उसकी सेवा की। सोमवार को अधिकारियों के सहयोग से युवक अपने घर लौटा। बता दें कि लॉकडाउन की घोषणा से दो दिन पूर्व गुजरात के वाटर प्लांट में नौकरी करने वाला तमिलनाडु के जिला विरुधिनगर निवासी युवक श्रवण कुमार ट्रेन द्वारा अपने घर लौट रहा था कि रास्ते में जहरखुरानी गिरोह का शिकार हो गया। किसी ने बेसुध हालत में श्रवण को देवबंद रेलवे स्टेशन पर उतारा। बाद में होश आने पर श्रवण ने एसडीएम देवेंद्र पांडे को अपनी आपबीती सुनाई। इस दौरान वहां मौजूद सिख समुदाय के युवक हरविदर बेदी ने युवक को अपने घर रखने की इच्छा जताई। हरविदर ने श्रवण को अपने घर लाकर डेढ़ महीने तक उसकी सेवा की। बेदी के माता, पिता और पत्नी ने इस पुनीत कार्य में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और श्रवण को यह एहसास नहीं होने दिया कि वह अपने घर से दूर अंजान लोगों के बीच है। पूरा मामला एसएसपी सहारनपुर दिनेश कुमार पी के संज्ञान में आने पर उन्होंने श्रवण को सकुशल घर भिजवाने का आश्वासन दिया। प्रशासन के सहयोग से नौ मई को श्रवण के परिजन देवबंद पहुंचे और हरविदर के परिवार का बार बार आभार जताते हुए इसे मानवता की मिसाल बताया। सोमवार को श्रवण अपने परिजनों संग तमिलनाडु के लिए रवाना हो गया।