जल है तो जीवन है के मंत्र से करेंगे उद्धार
भविष्य में पानी के संकट से बचाव के लिए भू-जल स्तर को बढ़ाने के प्रयास अब आम आदमी की सोच में आ रहे हैं। तभी तो तालाबों की दशा सुधारने के प्रयास होने लगे हैं। क्योंकि यदि ऐसा नहीं किया गया तो भविष्य में पानी का संकट आम आदमी के लिए एक बड़ी समस्या बन सकता है।
सहारनपुर, जेएनएन। भविष्य में पानी के संकट से बचाव के लिए भू-जल स्तर को बढ़ाने के प्रयास अब आम आदमी की सोच में आ रहे हैं। तभी तो तालाबों की दशा सुधारने के प्रयास होने लगे हैं। क्योंकि यदि ऐसा नहीं किया गया तो भविष्य में पानी का संकट आम आदमी के लिए एक बड़ी समस्या बन सकता है। घाड़क्षेत्र के लिए तो भू-गर्भीय जल की समस्या और भी गहरी है। लेकिन अब बरसात के पानी को सहेजने के प्रयास होने लगे हैं।
बुधवार को बेहट-शाकंभरी मार्ग पर गांव चौहड़पुर में दैनिक जागरण के सहेज लो हर बूंद अभियान के अंतर्गत ग्रामीणों से तालाब के बारे में बातचीत कर भू-जल को संरक्षित करने के प्रति जागरूकता अभियान चलाया गया है। इस गांव में ग्राम पंचायत के स्तर से मनरेगा के तहत वर्ष 2009 में तालाब की खोदाई कराई गई थी। लेकिन उसमें पानी बरसात के समय ही थोड़ा बहुत एकत्र हुआ, जो गर्मियों में फिर सूख गया। पूर्व प्रधान शीशपाल चौहान का कहना है कि तालाब की खोदाई से ग्रामीण मजदूरों को रोजगार मिला। लेकिन तालाब में पानी भरने की कवायद की कमी रही। उनका कहना था कि अब सबको प्रयास करने होंगे। बरसात का पानी तालाब में रोकने के साथ ही तालाब को लबालब रखने के लिए भले ही ट्यूबवेलों से पानी की व्यवस्था क्यों न करनी पड़े। इनका कहना है कि घाड़क्षेत्र का फायर स्टेशन भी इसी गांव में तालाब किनारे ही स्थापित हो रहा है। ऐसे में तालाब को पानी से भरे रखना और भी जरूरी हो जाता है। क्योंकि क्षेत्र में कहीं भी अग्निकांड की स्थिति में दमकल यहां से पानी लें सकेंगी। इसके साथ ही गांव के मवेशियों की प्यास बुझाने में भी तालाब की उपयोगिता रहेगी। ऐसा ही गांव के ब्रह्मपाल सिंह, मंगत सिंह, सरदार मंजीत सिंह व दीपक आदि का कहना है। यह लोग तालाब में पानी उपलब्ध रहने की स्थिति में मछली पालन की भी बात कहते हैं, जिससे गांव में रोजगार का साधन भी बनेगा।