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समाधान दिवस में शिकायतों की भरमार, निस्तारण जीरो

तहसील में मंगलवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल व एडीएम एफ विनोद कुमार ने जन समस्याएं सुनीं। कुल 61 फरियादी पहुंचे। जिनमें से किसी की भी समस्या का मौके पर निस्तारण नहीं हो सका।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 10:59 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 10:59 PM (IST)
समाधान दिवस में शिकायतों की भरमार, निस्तारण जीरो
समाधान दिवस में शिकायतों की भरमार, निस्तारण जीरो

सहारनपुर, जेएनएन। तहसील में मंगलवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल व एडीएम एफ विनोद कुमार ने जन समस्याएं सुनीं। कुल 61 फरियादी पहुंचे। जिनमें से किसी की भी समस्या का मौके पर निस्तारण नहीं हो सका।

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गांव कस्बा गढ़ की ममता पत्नी मांगेराम ने आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों पर राशन कार्ड बनवाने के नाम पर घूस मांगने का आरोप लगाते हुए शिकायती पत्र दिया। ग्राम हुसैन मलकपुर के जुल्फान, आरिफ, सुखबीर, धर्मा, साजिद, गुलफाम, महावीर और ग़ालिब हसन ने ग्राम प्रधान व लेखपाल पर ग्राम पंचायत की अभियान के तहत कब्जा मुक्त कराई गई जमीन पर पुन: कब्जा कराने का आरोप लगाते हुए इस भूमि को पुन: कब्जा मुक्त कराने की मांग की। ग्राम रसूलपुर के मुस्तकीम, हरिपुर की कमला देवी, व मलकपुर की सविता ने पात्र होने के बावजूद आवास योजना के तहत आवास न दिलाए जाने की शिकायत की। ग्राम रंडोल निवासी अनुज पुंडीर ने शिकायत की कि गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में कुछ ग्रामीणों द्वारा गोबर व कूड़ा आदि डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी के चलते वहां रात में चिकित्सक नहीं रुकते हैं। जिससे ग्रामीणों को अचानक बीमार हो जाने की स्थिति में इलाज की सुविधा नहीं मिल पाती है। डीआईजी व एडीएम ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जन शिकायतों का गंभीरता और तत्परता से निस्तारण करें।

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नहीं बने शौचालय जंगल में जाने को मजबूर

प्रशासन और विकास विभाग जहां शत-प्रतिशत शौचालय बनाए जाने के दावे करता है। वहीं संपूर्ण समाधान दिवस पर क्षेत्र के ग्राम चक खिजरपुर की महिलाओं ने इन दावों की पोल खोलते हुए कहा कि वह आज तक भी शौचालय से महरूम है। गांव की मेहराज पत्नी फुरकान, साइना पत्नी जीशान और गुलफ्शां पत्नी अफसान ने शिकायती पत्र देकर कहा कि ग्राम प्रधान उनके शौचालय नहीं बनवा रहे हैं, जिसके चलते उन्हें अब भी जंगल में शौच को जाना पड़ता है।


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