भट्ठियों में तेजी से खौल रही कच्ची शराब, शाम ढलते ही पहुंच रही खेप
सहारनपुर के जहरीली शराब कांड में 55 लोगों की मौत हुई थी लेकिन इतनी बड़ी घटना से भी आबकारी विभाग के अफसरों ने सबक नहीं लिया।
सहारनपुर, जेएनएन। सहारनपुर के जहरीली शराब कांड में 55 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन इतनी बड़ी घटना से भी आबकारी विभाग ने सबक नहीं लिया। जिले में जहरीली कच्ची शराब का धंधा आबकारी विभाग की शह पर बड़े पैमाने पर चल रहा है। आबकारी विभाग पूरी तरह लापरवाह बना हुआ है।
जिले के कई गांवों के जंगलों में शराब की भट्ठियां धधक रही हैं। शराब माफिया पर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। 2018 में जिले में हुए जहरीली शराब कांड में 55 लोग मौत के मुंह में समा गए थे। वर्ष 2009 में भी देवबंद में हुए जहरीले शराब कांड में 50 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद भी आबकारी विभाग की लापरवाही लोगों को मौत के मुंह में धकेलने का काम कर रही है।
सहारनपुर में बेहट रोड स्थित गांवों में कच्ची शराब खुलेआम बनाई जा रही है। सूरज ढलते ही गांव में कच्ची शराब की बिक्री शुरू हो जाती है। पॉलीथिन में सील कर कच्ची शराब बेची जा रही है। इस दिनों भी शराब के कारण कई गांवों में लोग बीमार हैं। गांव ज्ञानागढ़, गोकुलपुर, नाजिरपुरा, चक देवली, देवला, हसनपुर, हकीमपुरा, रसूलपुर आदि में कच्ची शराब पीकर घर बर्बाद हो रहे हैं। नागल, देवबंद और गागलहेड़ी क्षेत्र तथा उत्तराखंड से सटे इलाके में कच्ची शराब बड़े पैमाने पर खपाई जा रही है। दूसरे राज्यों से अपमिश्रित शराब भी यहां पर तैयार की जा रही है। पुलिस उनाली गांव में एक अवैध फैक्ट्री को भी पकड़ चुकी है, जिसमें मंसूरपुर डिस्टलरी मार्का शराब बनाकर बेची जा रही थी।
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आवररेटिग और मिलावटी
शराब की बिक्री भी जोरों पर
सहारनपुर में शराब के ठेकों पर मिलावटी शराब और ओवररेटिग भी बड़े पैमाने पर चल रही है। आबकारी विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। थाना कुतुबशेर क्षेत्र में देसी शराब के ठेके पर शराब में पानी मिलाकर सील करते हुए चार लोगों को रंगेहाथ गिरफ्तार किया जा चुका है। इनके पास से भारी मात्रा में शराब में पानी मिलाने के उपकरण भी बरामद किए गए थे।