बरसात से जर्जर भवनों पर मंडराया खतरा
बरसात के शुरू होने के साथ ही बेहद पुराने व जर्जर भवनों के ढहने का खतरा निरंतर बढ़ता जा रहा है। यदि समय रहते ठोस कदम नही उठाए गए तो भारी जानमाल के नुकसान की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
सहारनपुर, जेएनएन। बरसात के शुरू होने के साथ ही बेहद पुराने व जर्जर भवनों के ढहने का खतरा निरंतर बढ़ता जा रहा है। यदि समय रहते ठोस कदम नही उठाए गए तो भारी जानमाल के नुकसान की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मानसून का मौसम पुराने भवनों के लिए नुकसान देह साबित होने के आसार बनते जा रहे है। दो दिनों से जिस प्रकार थम थम कर बारिश हो रही है उससे इन भवनों के ढहने का खतरा अधिक बढ़ता जा रहा है। सहारनपुर क्षेत्र में करीब 219 भवन बेहद पुराने व जर्जर स्थिति में है। पूर्व के दो वर्षों से इन भवन स्वामियों को सुधार कराने अथवा पुर्न निर्माण कराने संबंधी नोटिस आदि निगम प्रशासन द्वारा जारी किए जाते रहे है। इसके बावजूद जर्जर भवनों को लोग छोड़ने व सुधार कराने को तैयार नहीं है। बताया गया है कि अधिकांश जर्जर भवन विवादित है तथा संपत्तियों के विवाद कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण इन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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इन क्षेत्रों में सबसे अधिक जर्जर भवन
जेबीएस रोड, ढोली खाल, नखासा बाजार, मोरगंज, भगत सिंह चौक, पिलखन तला, खुमरान रोड, अंसारी रोड, दाल मंडी पुल रोड, मुत्रीबान, चौक फव्वारा, नया बाजार गौरी शंकर बाजार, पुरानी मंडी, लोहा बाजार बीरू कुआ आदि में काफी संख्या में भवन वर्षों पुराने व जर्जर है।
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इनका कहना है...
पुराने व जर्जर भवन स्वामियों को पूर्व में ही नोटिस जारी किया हुआ है। इन भवनों की जांच कराई जा रही है। जानमाल का नुकसान रोकने को हर संभव कदम उठायें जायेंगे।
-ज्ञानेन्द्र सिंह नगर आयुक्त सहारनपुर।