ओले व तेज बारिश से सर्दी ने फिर पकड़ा जोर
सहारनपुर: पिछले कई दिनों से हल्के बादलों के बीच निकल रही धूप ने मौसम के मिजाज को बदल क
सहारनपुर: पिछले कई दिनों से हल्के बादलों के बीच निकल रही धूप ने मौसम के मिजाज को बदल कर रख दिया था। लेकिन गुरुवार को तेज बारिश के साथ ओले व ठंडी हवाओं के चलते सर्दी ने फिर जोर पकड़ना शुरू कर दिया है।
गुरुवार को सुबह से आसमान में छाए काले घने बादलों के साथ हल्की बारिश हुई। जिले के कई क्षेत्रों में सुबह ओले पड़े, जबकि सहारनपुर में दोपहर में बिजली की तेज गड़गड़ाहट के साथ तेज बारिश व ओलों ने मौसम को पूरी तरह से बदल कर रख दिया। देवबंद क्षेत्र में तो बिजली गिरने से एक की मौत तथा एक के घायल होने की सूचना है। मौसम में फिर से आए परिवर्तन के कारण सर्दी ने फिर से असर दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो पुन: विक्षोभ के चलते ऐसा मौसम देखने को मिल रहा है।
मुजफ्फराबाद स्थित मौसम वेधशाला के प्रभारी उमेश कुमार के अनुसार गुरुवार को तापमान न्यूनतम 13 डिग्री व 19 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तथा दोपहर तक चार मिमी बारिश दर्ज की गई। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डा. अशोक कुमार के अनुसार यह स्थिति अगले तीन दिन जारी रहने की संभावना है। इस दौरान 15 व 16 फरवरी को सहारनपुर सहित पश्चिमी जिलों में गरज चमक के साथ बारिश के आसार हैं। कही-कहीं ओले पड़ने की भी संभावना बनी हुई है। जबकि 17 फरवरी को भी बूंदाबांदी जारी रह सकती है। बारिश में भीगते हुए पहुंचे परीक्षा देने
इन दिनों हाई स्कूल व इंटर की परीक्षाएं चल रही है। सुबह बारिश व तेज सर्द हवाओं के चलते हजारों की संख्या में छात्र छात्राएं बारिश में भीगते हुए परीक्षा देने के लिए केन्द्रों पर पहुंचे थे। दिन भर छाए रहे बादलों व सर्द हवाओं के चलते परिक्षार्थियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। ओले ने खींची ¨चता की लकीरें
जिले के कई क्षेत्रों में दूसरी बार हुई खासी ओलावृष्टि से रबी की फसल के खराब होने का खतरा बढ़ गया है। ओलों ने किसानों के चेहरे पर ¨चता की लकीरें खींच दी है। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डा. आईके कुशवाहा का कहना है कि इस समय ओलावृष्टि तमाम फसलों के लिए खतरनाक है। गेंहूं की फसल दो माह की हो चुकी है। खेतों में पानी लगा है वहां फसल बिछने तथा बाकि में पत्तियां खराब होने की संभावना है। ओले पड़ने का असर दालों दलहनों भी पड़ने के अलावा सब्जियों की फसल बर्बाद होने की ¨चता सताने लगी है।