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देवबंद में सीएए के खिलाफ धरना-प्रदर्शन

देवबंद में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जमीयत उलेमा ए हिद द्वारा सिलसिलेवार ढंग से चलाए जा रहे आंदोलन के तहत रविवार को ईदगाह मैदान में धरना-प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में महिलाओं ने भी शिरकत की। सरकार विरोधी नारे लगाए गए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 11:37 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 06:12 AM (IST)
देवबंद में सीएए के खिलाफ धरना-प्रदर्शन
देवबंद में सीएए के खिलाफ धरना-प्रदर्शन

सहारनपुर, जेएनएन। देवबंद में

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नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जमीयत उलेमा ए हिद द्वारा सिलसिलेवार ढंग से चलाए जा रहे आंदोलन के तहत रविवार को ईदगाह मैदान में धरना-प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में महिलाओं ने भी शिरकत की। सरकार विरोधी नारे लगाए गए। सीएए की समाप्ति तक विरोध-प्रदर्शन जारी रखने का संकल्प लिया गया।

देवबंद में सीएए के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों की कड़ी में रविवार को पहली बार पुरुषों और महिलाओं ने एक साथ धरना-प्रदर्शन किया। जमीयत उलेमा ए हिद वर्किंग कमेटी के सदस्य कारी अफ्फान मंसूरपुरी ने धरने को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार कह रही है कि सीएए और एनआरसी पर विपक्ष हमें बहका रहा है। हम मांग करते हैं कि सरकार का कोई नुमाइंदा हमारे बीच में आए और अपनी बात हमें समझाए। कहा कि संविधान बचाने के लिए आज हम सड़कों पर उतरे हैं। हमारे साथ हमारी मां, बहनें और छोटे बच्चे भी हैं। कारी अफ्फान ने कहा कि उप्र में हमें शांतिपूर्ण ढंग से भी अपनी बात कहने की इजाजत नहीं दी जा रही है। कानूनी कार्रवाई से लोगों को डराया जा रहा है। हम बता देना चाहते हैं कि हम डरने वाले नहीं हैं। दिल्ली जेएनयू से आए शोध छात्र सआदत हुसैन और सायमा ने कहा कि सरकार को यह बात समझ लेनी चाहिए कि काले कानून के खिलाफ शुरू हुआ यह आंदोलन रुकने वाला नहीं है।


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