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नवनिर्वाचित प्रधानों ने लिया तालाबों को जीवित करने का संकल्प

चिलकाना में यूं तो हर साल तालाबों की सफाई और उन्हें पुनर्जीवित करने का काम किया जाता है लेकिन नई व युवा सोच इसके साथ मिल जाए तो सचमुच यह काम बहुत आसान हो सकता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 10:45 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 10:45 PM (IST)
नवनिर्वाचित प्रधानों ने लिया तालाबों को जीवित करने का संकल्प
नवनिर्वाचित प्रधानों ने लिया तालाबों को जीवित करने का संकल्प

सहारनपुर, जेएनएन। चिलकाना में यूं तो हर साल तालाबों की सफाई और उन्हें पुनर्जीवित करने का काम किया जाता है, लेकिन नई व युवा सोच इसके साथ मिल जाए तो सचमुच यह काम बहुत आसान हो सकता है। चिलकाना क्षेत्र से नवनिर्वाचित प्रधानों ने इस बात का संकल्प लिया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र की न केवल सफाई कराएंगे बल्कि उनका सौंदर्यीकरण भी कराएंगे।

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लगातार गिरते भूजल स्तर एवं जल संकट से निपटने के लिए तालाबों की जरूरत को ग्रामीण एवं प्रशासनिक अधिकारी भी गंभीर नजर आने लगे हैं। तालाबो को लेकर आयी जागरूकता से गांवों ही नहीं कस्बों व शहरों के तालाबों के खोए अस्तित्व को बचाने तथा उनमें जल संचय किये जाने की दिशा में हर संभव प्रयास किये जा रहे है। भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए कूडे़ करकट से अटे तालाबों को ध्यान मे रखते हुये तीन वर्ष पूर्व ग्राम सीकरी कला की पूर्व दिशा मे स्थित सात बीघा मे फैले तालाब को गोद लेकर तत्कालीन ग्राम प्रधान रणधीर सिंह एवं पंचायत सचिव द्वारा लाखो रूपये की लागत से तालाब की सफाई एवं खुदाई कराकर न सिर्फ तालाब का सुंदरीकरण कराया था, बल्कि तालाब के चारों ओर पौधारोपण भी कराया था, जिसकी ग्रामीणों द्वारा ही नहीं। मुहिम से जुड़े लोगों ने भी ग्राम पंचायत के प्रयास की सराहना की थी। चूंकि बरसात के मौसम मे बारिश ज्यादा होने तथा चारों ओर के खेतों के लबालब होने के बाद फालतू पानी तालाब मे जमा होता रहता है जिससे पूरी बरसात तालाब पानी से लबालब होकर पूरे वर्ष भू जल स्तर स्थिर बनाये रखता है। इतना ही नही संचय किया हुआ साफ पानी जीव जंतुओं एवं पशुओं के लिये भी वरदान साबित होता है क्योकि लबालब भरे तालाब मे दिन भर पशु ही नही पक्षी भी अठखेलिया करते तालाब के पास से होकर गुजरने वालों का मन मोह लेते है।

ग्रामीणों चौ. यशपाल सिंह, नरेशचंद शर्मा, प्रतापसिंह, नारायण सिंह, सुखबीर सिंह, राजपाल व जनेश्वर सिंह का कहना है कि गर्मी के मौसम में तालाब का पानी सूख जाता है, जिस कारण पशु पक्षियों को पानी पिलाने व नहलाने की दिक्कतों के साथ भू-जल स्तर भी गिर जाता है। यदि गर्मी में तालाब में पानी की स्थायी व्यवस्था हो जाए तो गांव का भू जल स्तर सामान्य बना रह सकता है। साथ ही संचय पानी जीव जंतुओं पशुओं के लिए वरदान से कम नही होगा।

इसके साथ ही नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान राजेश कुमार का कहना है कि ग्राम पंचायत द्वारा गांव में लुप्त हुये तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराकर उनका साफ सफाई कर तालाबों का अस्तित्व बचाने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर करने का प्रयास किया जाएगा।


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