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आखिर अवैध कब्जे में मिली निगम की करोड़ों की भूमि

नगर निगम की जनता रोड स्थित करोड़ों की भूमि को खुर्द-बुर्द करने के अधिकारियों के प्रयास विफल हो गए है। इनका कहना है... जनता रोड स्थित माहीपुरा की निगम संपत्ति पर भारी अवैध कब्जे होने का मामला प्रकाश में आया है। सरकारी भूमि पर कब्जा किसी भी दशा में रहने नहीं दिया जायेगा ध्वस्त करने के निर्देश दिए जा रहे है। -ज्ञानेन्द्र सिंह नगर आयुक्त सहारनपुर। ------------ अजय सक्सेना..

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 10:51 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 10:51 PM (IST)
आखिर अवैध कब्जे में मिली निगम की करोड़ों की भूमि

सहारनपुर जेएनएन। नगर निगम की जनता रोड स्थित करोड़ों की भूमि को खुर्द-बुर्द करने के अधिकारियों के प्रयास विफल हो गए हैं। मंडलायुक्त संजय कुमार के निर्देश पर कराई गई जांच में आखिर निगम की भूमि पर न केवल भवन खड़े कर कब्जे पाए गए बल्कि भूमि को बेचने के मामले भी प्रकाश में आ रहे हैं।

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दरअसल सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराने को लेकर एक एनजीओ करीब चार वर्ष से सक्रिय है। वहीं तहसील व निगम अधिकारी इस संपत्ति को मिलीभगत कर ठिकाने की लगाने की जुगत भिड़ाते रहे हैं। यही कारण रहा कि मुख्यमंत्री के जन सुनवाई पोर्टल से लेकर जिला प्रशासन तक को प्रेषित रिपोर्ट में भूमि को कभी कब्जा मुक्त कभी अतिक्रमण हटवाना दर्शाया जाता रहा। 1 अप्रैल 2019 को दैनिक जागरण द्वारा इस प्रकरण का राजफाश करने पर प्रशासन हरकत में आया था तथा मामले की नए सिरे जांच के आदेश दिए गए थे। हाल में निगम व राजस्व विभाग की टीम ने मौके का निरीक्षण किया तथा करीब 57 फुट कब्जा चिह्नित करने के साथ ही रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दी।

यह था पूरा मामला

सामाजिक संस्था सोशियली इनरजेटिक वालन्टियर्स एसोसिएशन (सेवा) अध्यक्ष रोहित भटनागर द्वारा करीब चार वर्ष पूर्व नगर निगम की जनता रोड स्थित महीपुरा के खसरा संख्या-22 की भूमि पर कालोनी काटने के अलावा माल आदि का निर्माण करने की शिकायत निगम से की गई थी, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में मुख्यमंत्री पोर्टल से लेकर मंडलायुक्त व डीएम तक से शिकायत की गई, परन्तु जमीन को कब्जा मुक्त कराने की बजाए हर बार झूठी रिपोर्ट लगाकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया जाता रहा। इसके अलावा खसरा संख्या-11 श्रेणी 6 (1) में कालोनी काटने तथा मकान दुकानें व माल आदि का निर्माण बरकरार रहा था। जबकि शासन व प्रशासन को प्रेषित की गई रिपोर्ट में कब्जा हटाने से लेकर भूमि निगम के संरक्षण में लेने के दावे किए जाते रहे थे। सरकारी भूमि पर किए गए बड़े अवैध निर्माण पर न तो विकास प्राधिकरण से और न ही सिचाई विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र हासिल किया गया था, जबकि पहले नगर निगम ने इस भूमि को सिचाई विभाग की होने का दर्शाने का प्रयास किया था, जो कि सफल नहीं हो पाया था।

इनका कहना है..

जनता रोड स्थित माहीपुरा की निगम संपत्ति पर भारी अवैध कब्जे होने का मामला प्रकाश में आया है। सरकारी भूमि पर कब्जा किसी भी दशा में रहने नहीं दिया जायेगा, ध्वस्त करने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

-ज्ञानेन्द्र सिंह, नगर आयुक्त सहारनपुर। ---इनसेट--- जागरण इंपैक्ट--का लोगो लगाएं----- फेल हुए निगम के सांठ-गांठ के मंसूबे

जागरण संवाददाता, सहारनपुर :

माहीपुरा स्थित निगम की करोड़ों की भूमि को सांठ-गांठ कर ठिकाने लगाने के तमाम मंसूबे एनजीओ की सक्रियता के कारण फेल हो गए। शासन प्रशासन से लगातार पत्र व्यवहार कर जिस प्रकार सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराने का प्रयास किया गया है यह कोई नया मामला नहीं है। इससे पूर्व भी रायवाला में पिजरा पोल सोसायटी द्वारा निगम से लीज पर ली गई अरबों की संपत्ति को भी वापस कराने में अहम भूमिका रही है। अब निगम की माहीपुरा भूमि को कब्जा मुक्त कराने की लड़ाई जारी है।

इस तरह किए गए सरकारी भूमि को खुर्द-बुर्द करने के प्रयास

14 मार्च को तत्कालिक उप जिलाधिकारी सदर ने अपर आयुक्त को प्रेषित रिपोर्ट में सूचित किया कि 24 जून 2017 को उक्त प्रकरण में नगर निगम के राजस्व निरीक्षक ओमप्रकाश को अग्रिम कार्रवाई हेतु दखल दिया गया था, जबकि ओमप्रकाश निगम में अस्थाई कानूनगो है।

-नगर निगम के तत्कालिक कर अधीक्षक ने आइजीआरएस पर की गई शिकायत पर 23 जुलाई 2018 को रिपोर्ट लगाई की उक्त भूमि पर स्थित माल के स्वामियों द्वारा अतिक्रमण स्वयं हटाने का अनुरोध किया गया था। निरीक्षण में माल स्वामियों द्वारा उक्त अतिक्रमण स्वयं हटा लिया गया है।

-20 अगस्त 2018 को रोहित को आईजीआरएस पोर्टल से अवगत कराया गया कि नगर निगम के संपत्ति विभाग द्वारा चिहाकन कार्य कराया जा रहा है।

-6 अक्टूबर 2018 को तत्कालिक डीएम ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई शिकायत के निस्तारण की रिपोर्ट में लिखा कि 01 मई 2018 को नगर निगम के अधिशासी अभियंता सहित अन्य अधिकारियों ने चिह्नित किए स्थान पर किए निर्माण को जेसीबी के माध्यम से ध्वस्त करा दिया है।

-नगर निगम के तत्कालिक उप नगर आयुक्त ने तब रोहित भटनागर को 4 नवंबर 2018 को पत्र भेजकर अवगत कराया कि महीपुरा बैरून खसरे का कब्जा दखल अभी तक नगर निगम को राजस्व विभाग द्वारा प्राप्त नहीं कराया गया है।

-24 अगस्त 2019 को मंडलायुक्त संजय कुमार ने तहसीलदार व कर्मचारियों पर मिलीभगत के मामले को गंभीरता से लेते हुए एडीएम प्रशासन को मामले की जांच अपनी देखरेख में कराने को निर्देशित किया था। इसके बाद एसडीएम सदर व राजस्व विभाग की टीम ने जांच में मौके पर भारी अवैध कब्जा बरकरार पाया है। देखना अब यह कि निगम भूमि मुक्त कराने को अब क्या कार्रवाई करता है।


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