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मां श्री शाकंभरी देवी मंदिर के कपाट खोलने की तैयारी

केंद्र एवं प्रदेश सरकार की गाइड लाइन के अनुसार आठ जून से सिद्धपीठ श्री शाकंभरी देवी के कपाट 78 दिन बाद खोले जाएंगे। सिद्धपीठ के व्यवस्थापक राणा आदित्य प्रताप सिंह ने इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति जारी की है जिसमें उन्होंने प्रशासन से मिले दिशा-निर्देश के अनुसार व्यवस्थाएं सिद्धपीठ पर लागू करने की बात कही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 10:00 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 10:00 PM (IST)
मां श्री शाकंभरी देवी मंदिर के कपाट खोलने की तैयारी
मां श्री शाकंभरी देवी मंदिर के कपाट खोलने की तैयारी

सहारनपुर, जेएनएन। केंद्र एवं प्रदेश सरकार की गाइड लाइन के अनुसार आठ जून से सिद्धपीठ श्री शाकंभरी देवी के कपाट 78 दिन बाद खोले जाएंगे। सिद्धपीठ के व्यवस्थापक राणा आदित्य प्रताप सिंह ने इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति जारी की है, जिसमें उन्होंने प्रशासन से मिले दिशा-निर्देश के अनुसार व्यवस्थाएं सिद्धपीठ पर लागू करने की बात कही है।

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कोरोना वायरस के चलते 22 मार्च को सरकार द्वारा लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही मंदिर के कपाट बंद किए गए थे। अब आठ जून से लोगों के दर्शनार्थ मंदिर खोले जाने की सरकार ने घोषणा की है। जिस पर सिद्धपीठ के व्यवस्थापक राणा परिवार इसकी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है। उन्होंने तैयारियों की जानकारी प्रशासन को दी है। कहा है कि सरकार की गाइड लाइन के अनुसार मंदिर खोलने की तैयारियां की है। व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

आरती के समय श्रद्धालुओं को करनी होगी प्रतीक्षा

मंदिर प्रतिदिन प्रात: पांच से रात्रि नौ बजे तक दर्शनार्थ खोला जाएगा। प्रात: आरती पांच से 5:30 बजे तक और सायं 7:15 से आठ बजे तक होगी। मंदिर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालु को पहले टोकन लेना पड़ेगा। आरती के समय श्रद्धालुओं को शारीरिक दूरी के नियम का पालन कर लाइन में खड़े रहना पड़ेगा। शारीरिक दूरी का यहीं नियम दर्शन के समय भी लागू रहेगा। कोई प्रसाद अथवा भेंट नहीं करेंगे अर्पित

मंदिर परिसर को कपाट खुलने से पहले प्रतिदिन सैनिटाइज किया जाएगा। प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर लगाए गए हैं। मंदिर में प्रवेश करने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को मास्क और गलब्स पहनना अनिवार्य है, शारीरिक दूरी के नियम के साथ थर्मल स्क्रीनिग कर हाथों पर सैनिटाइजर लगाया जाएगा। श्रद्धालु माता के सिर्फ दर्शन कर सकेंगे कोई प्रसाद अथवा भेंट नहीं चढ़ाएंगे। गंभीर बीमारियों से पीड़ित, वृद्ध व्यक्ति, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को फिलहाल मंदिर में प्रवेश से परहेज करना होगा।


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