नहीं रहे लोकतंत्र सेनानी व उर्दू के जाने माने पत्रकार नुसरत जहीर
लोकतंत्र सेनानी एवं उर्दू के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार नुसरत •ाहीर का लंबी बीमार की बाद निधन हो गया। वह करीब 70 वर्ष के थे। गुरुवार को राजकीय सम्मान के साथ उन्हें सुपुर्दे खाक किया गया।
सहारनपुर जेएनएन। लोकतंत्र सेनानी एवं उर्दू के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार नुसरत •ाहीर का लंबी बीमारी के बाद बुधवार की रात निधन हो गया। वह करीब 70 वर्ष के थे। गुरुवार को राजकीय सम्मान के साथ सलामी दिये जाने के बाद उन्हें सुपुर्दे खाक किया गया।
लोकतंत्र सेनानी एवं उर्दू के जाने माने पत्रकार नुसरत जहीर करीब 35 साल पहले दिल्ली चले गए थे। वहां वह उर्दू के राष्ट्रीय समाचार पत्रों, रेडियो तथा टीवी चैनलों में कार्यरत रहे। इमरजेंसी के दौरान वह जेल भी गए। उर्दू के विभिन्न समाचार पत्रों में उनके कॉलम छपते रहे हैं। उनके चार बेटियां हैं। लंबे समय से बीमारी चलने के कारण करीब दो माह पहले वह सहारनपुर स्थित अपनी बड़ी बेटी के पास आ गए थे। इनका लंबे समय से दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था। इलाज के चलते बीती रात इनका निधन सराय कलंदर बख्श निवास पर हो गया। लोकतंत्र सेनानी नुसरत जहीर के निधन की खबर पर गुरुवार की सुबह उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंबाला रोड स्थित दबनी वाला कब्रिस्तान में स्थित सुपुर्द-ए-खाक किया गया। तिरंगे में लिपटे नुसरत जहीर को एसडीएम ने सलामी दी। इनके निधन पर लोकतंत्र सेनानी संगठन के जिलाध्यक्ष बलदेव राज जोशी व प्रवक्ता निसार सिद्दीकी व तमाम लोगों ने इनके निधन पर दु:ख जताया है। सुपुर्द-ए-खाक में लोकतंत्र सेनानी बलदेव राज जोशी, रमेशचंद्र भंडारी, जमाल, निसार सिद्दीकी, डॉक्टर रईस, डॉक्टर नौशाद, बहार अहमद, शमशेर, डॉक्टर फैजान तथा पत्रकार मौजूद रहे।