यह डायनासोर नहीं है, सहारनपुर में मृत मिला अद्भुत जीव!
यमुना नदी किनारे बसे गांव झरोली के जंगल में एक अद्भुत जानवर का शव मिला। शव डायनासोर प्रजाति के बच्चे जैसा दिख रहा है।
सहारनपुर (जेएनएन)। यमुना नदी किनारे बसे गांव झरोली के जंगल में एक अद्भुत जानवर का शव मिला जो डायनासोर प्रजाति के बच्चे जैसा दिख रहा है। अनुमान कुछ भी हो लेकिन हकीकत अलग है। यह किसी जानवर का शव कहीं से पानी में बहकर आया। वन विभाग की टीम ने प्रारंभिक जांच के बाद कहा कि यह डायनासोर के बच्चे का शव नहीं है। सही जानकारी के शव जांच के लिए देहरादून वन्य जीव संस्थान भेजा जाएगा।
जुरासिक काल की बात होती तो डायनासोर वाली बात को सच भी माना जा सकता था लेकिन आज यह बात बिल्कुल सही नहीं है। दरअसल, सहारनपुर के झरोली निवासी किसान विश्वास का बेटा रजत गुरुवार सुबह खेत पर गया था। यहां उसे एक अजीब से जानवर का शव नजर आया। इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव कब्जे में लिया। खेत मालिक विश्वास का कहना है कि पिछले दिनों यमुना का जल स्तर बढऩे से बाढ़ का पानी क्षेत्र में घुस गया है। अनुमान है कि यमुना के बहाव के साथ ही शव यहां पहुंचा है। कुछ ग्रामीणों ने इसे पहाड़ी नेवला बताया है।
जानवर का प्री मैच्योर्ड बच्चा
वन क्षेत्राधिकारी हरज्ञान सिंह का कहना है कि मृत जानवर की ऊंचाई लगभग तीन इंच तथा लंबाई लगभग 12 इंच है। जिला वन अधिकारी विजय कुमार ने बताया कि पहली नजर में यह शव किसी जानवर के प्री मैच्योर्ड बच्चे का लग रहा है। डायनासोर के बच्चे का बिल्कुल नहीं है। जांच के लिए शव देहरादून भेजा जा रहा है। डीएम आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि शव की जांच के बाद ही कुछ कह पाना संभव होगा।
कैसा था डायनासोर यानी भीमसरट
जीवित तो हम सबमें किसी ने नहीं देखा लेकिन जीवाश्म अभिलेखों के मुताबिक पक्षियों का प्रादुर्भाव जुरासिक काल के दौरान डायनासोर से हुआ था। जीवाश्म विज्ञानी पक्षियों को डायनासोरों के आज तक जीवित वंशज मानते हैं। हिंदी में डायनासोर शब्द का अनुवाद भीमसरट मिलता है। संस्कृत में इसका मतलब भयानक छिपकली है। दरअसल डायनासोर पशुओं के विविध समूह थे। जीवाश्म विज्ञानी डायनासोर के 500 के करीब वंश और 1000 से अधिक प्रजातियों की पहचान कर चुके हैं। इनके हर महाद्वीप पर पाये जाते हैं। डायनासोर शाकाहारी और मांसाहारी दोनों थे। कुछ दो पैर वाले तो कुछ चौपाये थे।