Move to Jagran APP

काम न मिला तो गए थे जम्मू-कश्मीर, सरकार पर भरोसा ..बदला जरूर लेगी

आतंकी तो सगीर की मौत के जिम्मेदार हैं ही कोरोना भी कम जिम्मेदार नहीं है। सगीर अहमद के बेटे जहांगीर का कहना है कि एक साल पहले तक उसके पिता सहारनपुर में काम करते थे लेकिन कोरोना काल में सभी काम ठप हो गए तो उन्हें भी काम से निकाल दिया गया था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 06:36 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 06:36 PM (IST)
काम न मिला तो गए थे जम्मू-कश्मीर, सरकार पर भरोसा ..बदला जरूर लेगी

सहारनपुर, जेएनएन। आतंकी तो सगीर की मौत के जिम्मेदार हैं ही, कोरोना भी कम जिम्मेदार नहीं है। सगीर अहमद के बेटे जहांगीर का कहना है कि एक साल पहले तक उसके पिता सहारनपुर में काम करते थे, लेकिन कोरोना काल में सभी काम ठप हो गए तो उन्हें भी काम से निकाल दिया गया था। दो रोटी खाने के भी लाले पड़ गए थे। एक साल तो उन्होंने किसी तरह से मजदूरी करके खाने का इंतजाम किया, लेकिन बाद में कमर टूट गई। इसके बाद वह जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में नौकरी की तलाश में गए। उन्हें क्या पता था कि जम्मू-कश्मीर से उनका शव लौटेगा।

loksabha election banner

सराय हिसामुद्दीन मोहल्ले के रहने वाले सगीर अहमद के बेटे जहांगीर का कहना है कि उनके पिता लकड़ी के बेहतर कारीगर थे। वह वुड वर्किंग का सहारनपुर में ही काम करते थे। उनका बेहतर काम चल रहा था। पिता ने तीन बेटियों और जहांगीर की शादी भी कर दी थी। केवल एक बेटी सोबी बची थी। वह उसकी शादी करने के लिए प्रयास कर रहे थे, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण शादी नहीं कर पा रहे थे। कोरोना संक्रमण आने के बाद लाकडाउन लग गया, जिसके बाद सगीर को भी काम से निकाल दिया गया था। जहांगीर का कहना है कि उन्होंने खूब प्रयास किया, लेकिन उन्हें काम नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने जम्मू जाने की बात कही। जम्मू में गए तो एजाज ट्रेडर्स नाम की कंपनी में उन्हें उसके मालिक एजाज अहमद ने नौकरी दी। उनकी कारीगरी देखकर एजाज भी उन्हें छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे। अब परिवार के लोग ही बोल रहे हैं कि उन्हें पछतावा हो रहा है। यदि वह सगीर को उस समय रोक लेते तो वह उनके बीच में होते। सरकार पर पूरा भरोसा, बदला जरूर लेगी : जहांगीर

सगीर के बेटे जहांगीर का कहना है कि उन्हें सरकार पर पूरा भरोसा है कि सरकार सेना के जरिए उनके पिता का बदला जरूर लेगी। आतंकी खूंखार हो चुके हैं। जहांगीर का तो यहां तक कहना है कि आतंकियों को जो शरण दे रहा है, उनका भी खात्मा होना चाहिए। तभी जम्मू-कश्मीर में अमन-ओ-चेन लौटेगा। दो कमरे के मकान में रहता है परिवार

परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। तीन बेटियों की शादी हो चुकी। जहांगीर के एक बच्चा है। सोबी और उनकी भाभी एवं एक बच्चा दो कमरों के मकान में रहते हैं। जब सगीर ओर जहांगीर दोनों एक साथ छुट्टी आते थे तो रहने में भी दिक्कत हो जाती थी। मुआवजा दिलाने की कोशिश : एडीएम

एडीएम प्रशासन अर्चना द्विवेदी भी शव पहुंचने पर परिवार से मुलाकात करने के लिए पहुंची थी। उन्होंने परिजनों को बताया कि मुआवजे के लिए कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद सरकार को भेजी जा रही है। जल्द ही सगीर के परिवार को सरकार की तरफ से मुआवजा दिलाया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.