निमयों का करें पालन, हल्दी वाला दूध रोज पीएं : डा. उबैर शम्सी
कोरोना को जड़ से खत्म करने के लिए जिले के लोगों को भी जिला प्रशासन का साथ देना होगा। लोगों की इम्यूनिटी मजबूत होगी तो कोरोना नहीं होगा। इसलिए शहर के प्रसिद्ध डा. उबैर शम्सी का कहना है कि इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए रोजाना रात के समय हल्दी वाला दूध बेहतर है।
जेएनएन, सहारनपुर। कोरोना को जड़ से खत्म करने के लिए जिले के लोगों को भी जिला प्रशासन का साथ देना होगा। लोगों की इम्यूनिटी मजबूत होगी तो कोरोना नहीं होगा। इसलिए शहर के प्रसिद्ध डा. उबैर शम्सी का कहना है कि इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए रोजाना रात के समय हल्दी वाला दूध बेहतर है। इसलिए रात का खाना खाने के बाद दूध का सेवन जरूर करें। वहीं, रोजाना सुबह और शाम के समय एक्सरसाइज और योग भी करें।
डा. उबैर शम्सी का कहना है कि जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है। उन लोगों को कोरोना अपनी चपेट में ले रहा है। यह डब्लूएचओ भी पुष्टि कर चुका है। इसलिए लोगों को इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए लोगों को रोजाना सुबह और शाम कम से कम एक घंटा एक्सरसाइज करनी चाहिए। पसीना निकलने से शरीर की कई बीमारियां बाहर निकलती है। इम्यूनिटी मजबूत होती है। वही, एक्सरसाइज करने के बाद रात को भिगोएं हुए देसी चने, दूध आदि लेना चाहिए। उबली दाल का पानी पीना चाहिए। दोपहर के खाने में हरी सब्जी के साथ दही, मट्ठा आदि लेना चाहिए। फलों में खट्टे फल खाने चाहिए। रात के खाने में खिचड़ी का इस्तेमाल करें तो बेहतर होगा। इसके अलावा रात में बादाम भिगोकर रख देने चाहिए। सुबह के समय छिलके उतारकर खाने चाहिए।
पौते ने की दादा की देखभाल, खुद का भी रख ख्याल
सहारनपुर। कोरोना पाजिटिव होने वाले व्यक्ति की परिवार का जो सदस्य देखभाल करता है। उसे खुद को बचाना भी चुनौती होती है। हालांकि जिले के लोग बेहद सावधानी पूर्वक खुद को बचा भी रहे हैं और कोरोना पाजिटिव सदस्य की देखभाल भी कर रहे हैं।
मिशन कंपाउंड निवासी किशन सिंह बिजली विभाग से रिटायर है। उनकी उम्र करीब 65 वर्ष है। करीब एक माह पूर्व उन्हें बुखार आया। टेस्ट कराया तो पाजिटिव पाए गए। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। किशन सिंह बताते हैं कि 12 क्लास में पढ़ने वाला उनका पौता विशाल सिंह ने उनकी देखभाल की। वह अस्पताल में भी खाना लेकर जाता था। करीब 10 दिन अस्पताल में रहने के बाद डाक्टरों ने 14 दिन के लिए क्वारंटाइन कर दिया। घर पर आने के बाद भी उनके पौते विशाल ने उनकी देखभाल की। उनके कमरे में दवाईयां लेकर पौता आता था। खाना भी वहीं देता था। इस दौरान विशाल अपने हाथों में ग्लब्स पहनता था। चेहरे पर मास्क लगाकर रखता था। इसके अलावा गर्म पानी कप प्रयोग करता था। पूरे घर को सुबह शाम सैनिटाइज करता था। इसके अलावा पूरे परिवार के लोगों से शारीरिक दूरी का पालन भी कराता था। विशाल का कहना है कि उसके दादा एकदम ठीक है। उसने खुद को भी बचाकर रखा।