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फर्जी MBBS डॉक्टर गिरफ्तार, कर चुका है हजारों ऑपरेशन; सरकार से लिए लाखों रुपये Sharanpur News

सहारनपुर में देवबंद सीएचसी में संविदा पर तैनात फर्जी एमबीबीएस चिकित्‍सक का राजफाश हुआ। 2016 से तैनात यह फर्जी चिकित्‍सक अब तक हजारों ऑपरेशन कर चुका है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 01:07 PM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 12:10 PM (IST)
फर्जी MBBS डॉक्टर गिरफ्तार, कर चुका है हजारों ऑपरेशन; सरकार से लिए लाखों रुपये Sharanpur News
फर्जी MBBS डॉक्टर गिरफ्तार, कर चुका है हजारों ऑपरेशन; सरकार से लिए लाखों रुपये Sharanpur News

सहारनपुर, जेएनएन। एमबीबीएस की फर्जी डिग्री लेकर दो नर्सिग होम चला रहे और सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) देवबंद में संविदा पर तैनात चिकित्सक (सर्जन) डा. राजेश शर्मा (असली नाम ओमपाल शर्मा) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। ओमपाल आर्मी के अस्पताल से रिटायर है और पेंशन भी ले रहा है। इसी ने गत माह 40 लाख की रंगदारी मांगने का मुकदमा भी दर्ज कराया था।

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आपरेशन कर कई जिंदगियों से खेल चुका ओमपाल

सलाखों के पीछे पहुंचा ओमपाल शर्मा बहुत ही शातिर है। वह कई जिंदगियों से खेल चुका है। सीएमओ के अनुसार ओमपाल बतौर जनरल सर्जन के रूप में भर्ती किया गया था, जो देवबंद से पहले गंगोह व नानौता में भी तैनात रहा है। इसने प्रसव व गाल ब्लैडर तक के अनगिनत ऑपरेशन कर रखे हैं। कितने ऑपरेशन किए हैं, इसका कोई रिकार्ड नहीं है, लेकिन ऑपरेशन बहुत करता था। इसके अलावा जनरल लैपो सर्जरी भी करता था। पुलिस की मानें तो बंगलुरू के आर्मी हॉस्पिटल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में सर्जेंट पद काम करते हुए ही इसके दिमाग में खुराफात आ गई थी। बाकायदा 1995 में शपथ देकर अपना नाम राजेश शर्मा रख लिया और अपने पैतृक जिला बागपत के बजाए यहां अपनी ससुराल (नागल) में आकर 2005 में नर्सिंग होम खोल लिया। शिवम नर्सिंग होम में बैठकर डा. राजेश आर नाम से प्रेक्टिस शुरू कर दी। आयुष्मान योजना में रजिस्टर्ड होकर 14 लाख का भुगतान भी कर हासिल कर चुका है।

इन्‍होंने बताया

सीएमओ डा. बीएस सोढ़ी ने बताया कि साल 2015 में संविदा पर भर्ती होते हुए ओमपाल ने जो भी दस्तावेज दिखलाए तो उसी को सही मान कर संविदा पर रख लिया था। ओमपाल ने नागल के बाद साल 2018 में देवबंद में भी शिवम नर्सिंग होम खोल लिया था। इतना ही नहीं बीते साल जब आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ हुआ तो शिवम हॉस्पिटल का रजिट्रेशन भी करवा लिया था। इसी योजना के तहत कुछ ऑपरेशन करने के बाद सरकार से करीब 14 लाख रुपये का भुगतान भी अपने खाते में डलवा लिया था।

आरोपित चिकित्सक का विवादों से रहा है पुराना नाता

फर्जी डिग्री पर डा. राजेश शर्मा नाम से चिकित्सक बने ओमपाल का विवादों से पुराना नाता रहा है। उक्त चिकित्सक जहां एक माह पूर्व 40 लाख की रंगदारी मांगे जाने के बाद चर्चाओं में आया था। वहीं, कई वर्ष पूर्व टपरी रोड स्थित उक्त चिकित्सक के अस्पताल में फायरिंग की घटना हुई थी। उस दौरान भी उक्त चिकित्सक ने खासी सुर्खियां बटोरी थी। देवबंद के मकबरा रोड शिवम नर्सिंग होम के स्वामी डा. राजेश शर्मा का नाम विवादों से जुड़ता रहा। एक माह पूर्व उक्त चिकित्सक से 40 लाख की रंगदारी मांगी गई थी। यह मामला जमकर मीडिया की सुर्खियां बना था। पुलिस ने इस प्रकरण में गांव दुगचाड़ा निवासी कुलबीर समेत दो लोगों को रंगदारी मांगने के आरोप में जेल भेजा था। वहीं, उक्त फर्जी चिकित्सक देवबंद के अलावा नागल में भी नर्सिंग होम चलाता है।

वर्ष 2016 में थाना नागल क्षेत्र स्थित उक्त नर्सिंग होम पर काफी संख्या में ग्रामीणों ने तोड़फोड़ कर दी थी। ग्रामीणों ने चिकित्सक पर एक महिला की डिलीवरी के दौरान उसकी तबीयत बिगड़ जाने का आरोप लगाया था। उस मामले में महिला के पति की तहरीर पर डा. राजेश शर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। चिकित्सक की ओर से भी हंगामा व तोड़फोड़ करने वाले ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। उधर, वर्ष 2018 में डा. राजेश शर्मा के अस्पताल में घुसे दो बाइक सवार बदमाशों ने फायरिंग करते हुए सनसनी फैला दी थी। हालांकि पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। हमले को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं भी उड़ी थी। थाना नागल प्रभारी सरदार सुरेंद्र सिंह ने बताया कि चिकित्सक राजेश शर्मा के खिलाफ नागल थाने में दर्ज मुकदमों की जांच कराई जा रही है।

रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर संविदा से किया निलंबित

सीएमओ ने बताया कि ओमपाल शर्मा के पास से एमबीबीएस की जो डिग्री मिली है, वह साल 2000 में मैसूर मेडिकल कॉलेज की है। उक्त वर्ष डा. राजेश ने यहां से डिग्री ली थी और इसी डिग्री को स्कैन कर ओमपाल खुद को डा. राजेश आर बताने लगा था। उन्होंने बताया कि शिवम नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन रद करने के साथ ही संविदा पद पर भर्ती ओमपाल उर्फ राजेश को जांच चलने तक निलंबित कर दिया है।

2015 में संविदा पर हुआ था तैनात

सीएमओ डा. बीएस सोढ़ी ने बताया कि देवबंद सीएचसी में बतौर सर्जन तैनात डा. राजेश शर्मा की करतूत के बारे में पुलिस से ही पता चला। वर्ष 2015 में जब उसे संविदा पर रखा गया था तब उसने डा. राजेश आर की डिग्री व एमसीआइ में रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट दिखाया था। रजिस्ट्रेशन नंबर की जांच कराई तो वह सही थी। इसीलिए उसे संविदा पर रख लिया गया। 2015 से अब तक यह सीएचसी गंगोह व नानौता में भी रह चुका है। सीएमओ ने कहा कि जल्द ही वह भी आरोपित के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज कराएंगे।

ऐसे खुला खेल

बीते दस साल से यहां नर्सिंग होम व सीएचसी में तैनाती के बाद हेकड़ी से ओमपाल डाक्टरी का धंधा कर रहा था। गत माह बदमाशों ने उससे 40 लाख की रंगदारी मांगी थी। पुलिस ने दो आरोपितों को जेल तो भेज दिया लेकिन ओमपाल को शक हो गया कि इस कांड के पीछे देवबंद का डा. रवि खुराना का हाथ है। पुलिस सूत्रों की मानें तो ओमपाल ने पुलिस को डा. रवि खुराना के बावत शक जाहिर किया तो पुलिस ने डा. खुराना से पूछताछ की। इसके बाद डा. खुराना ने डा. राजेश शर्मा के नाम से प्रेक्टिस कर रहे ओमपाल की सच्चाई सामने रखते हुए दस्तावेज पेश कर दिए और आखिरकार ओमपाल जेल पहुंच गया। सीएमओ ने बताया कि विभागीय जांच शुरू हो गई है। ओमपाल के नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया गया है।


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