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Saharanpur: अवैध थी फायर कैंडल फैक्ट्री, मालिक न लाइसेंस दिखा सका और न एनओसी

सहारनपुर के गांव बोड़पुर में मसकीन बर्थ-डे फायर कैंडल बनाते वक्‍त जोरदार धमाका हो गया। इसके बाद वहां अफरातफरी मच गई। ग्रामीण घटनास्थल की और दौड़े। बोड़पुर गांव के प्रधान इरशाद ने बताया कि इस फैक्ट्री के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी।

By Edited By: Published: Mon, 12 Sep 2022 12:05 AM (IST)Updated: Mon, 12 Sep 2022 07:30 AM (IST)
Saharanpur: अवैध थी फायर कैंडल फैक्ट्री, मालिक न लाइसेंस दिखा सका और न एनओसी
अवैध थी फायर कैंडिल फैक्ट्री, चला रखी थी चोरी छिपे

सहारनपुर, जेएनएन। गंगोह थानाक्षेत्र के गांव बोड़पुर में जिस फायर कैंडल फैक्ट्री में आग लगी है, वह अवैध रूप से चलाई जा रही थी। इस फैक्ट्री को गांव का ही एक व्यक्ति चोरी छिपेअपने घेर में चला रहा था। फायर कैंडल का स्टॉक बना हुआ था और उसी में आग लगी है। हालांकि आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। इस फैक्ट्री में झूलसे चार ग्रामीणों में से दो कि चंडीगढ़ जाते समय मौत हो गई।

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फैक्ट्री मालिक न लाइसेंस दिखा पाया और न एनओसी

दमकल विभाग के मुख्य अग्निशमन अधिकारी तेजवीर ने बताया कि देर रात तक उन्होंने बोड़पुर की फैक्ट्री की जांच की। जिसमें फैक्ट्री मालिक ना तो कोई लाइसेंस दिखा पाया और ना ही कोई एनओसी। वही दमकल विभाग के रिकॉर्ड में भी कोई लाइसेंस या एनओसी नहीं मिली है। जिसके बाद फैक्ट्री को अवैध घोषित करार दिया गया। उनका कहना है कि इस मामले में जल्द ही रामपुर मनिहारान थाने में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। बता दें कि फैक्ट्री में रविवार की दोपहर में अचानक से विस्फोट हुआ था और चार मजदूर झुलस गए थे। जिनमें से एजाजुल और समीर नाम के दोनों लोगो की जिला अस्पताल से चंडीगढ़ जाते समय रास्ते में ही मौत हो गई। वही, दो मजदूर अभी भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। इस हादसे के बाद मौके पर फॉरेंसिक टीम भी पहुंची थी और उन्होंने बारूद के सैंपल लिए थे। ताकि पता लगाया जा सके कि फायर कैंडल में किस तरह का बारूद इस्तेमाल हो रहा था और उसकी मात्रा कितनी थी।

पहले भी ग्रामीण एक फैक्ट्री का कर चुके विरोध

बोड़पुर गांव के प्रधान इरशाद ने बताया कि इस फैक्ट्री के बारे में उन्हें बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी। कुछ दिन पहले एक ग्रामीण ने इस तरह की फैक्ट्री शुरू की थी और ग्रामीणों ने विरोध कर दिया था। जिसके बाद उस फैक्ट्री को बंद करा दिया गया था।

हो सकता था और बड़ा हादसा

गांव के लोगों का कहना है कि जिस समय फैक्ट्री में धमाका हुआ, उस समय काफी लोग फैक्ट्री के आसपास इकट्ठा हो गए थे, लेकिन चार ही लोग फैक्ट्री का दरवाजा खोलने के लिए गए थे। यदि और लोग भी वहां पहुंच जाते तो बड़ा हादसा हो सकता था। इसके अलावा जहां पर यह फैक्ट्री चल रही थी, उसके आसपास कई घर हैं। जिनके अंदर परिवार रहते हैं। उन तक भी आग पहुंच सकती थी, लेकिन ग्रामीणों ने सूझबूझ के साथ काम लिया और दमकल विभाग एवं पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद दमकल विभाग की दो गाड़ियां आई और आग पर काबू पाया। वहीं, पुलिस ने चारों झुलसे लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

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