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गलियारे में नीचे टहलेंगे बाघ, ऊपर से गुजरेगा एलिवेटेड हाईवे

एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने गणेशपुर से मोहंड के मध्य एलिवेटेड हाईवे बनाने के वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया तथा सहारनपुर जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर मुहर लगाकर इस इलाके में वन्यजीव गतिविधियों को बेहद सुरक्षित कर दिया है। भविष्य में यहां पर वन्यजीवों का नया गलियारा बसने जा रहा है। वेस्टर्न राजा जी के जंगल में अक्टूबर-नवंबर में बाघ छोड़ा जाना निर्धारित है। यह बाघ गणेशपुर तथा मोहंड तक विचरण करेगा। भविष्य में उसके परिवार का विस्तार भी होगा। उधर शिवालिक का यह क्षेत्र भी टाइगर रिजर्व बनने वाला है इसलिए कमिश्नर संजय कुमार ने यहां पर एलिवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव रखा था जो मंजूर हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 11:15 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 06:11 AM (IST)
गलियारे में नीचे टहलेंगे बाघ, ऊपर से गुजरेगा एलिवेटेड हाईवे

सहारनपुर जेएनएन। एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने गणेशपुर से मोहंड के मध्य एलिवेटेड हाईवे बनाने के वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया तथा सहारनपुर जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर मुहर लगाकर इस इलाके में वन्यजीव गतिविधियों को बेहद सुरक्षित कर दिया है। भविष्य में यहां पर वन्यजीवों का नया गलियारा बसने जा रहा है। वेस्टर्न राजा जी के जंगल में अक्टूबर-नवंबर में बाघ छोड़ा जाना निर्धारित है। यह बाघ गणेशपुर तथा मोहंड तक विचरण करेगा। भविष्य में उसके परिवार का विस्तार भी होगा। उधर शिवालिक का यह क्षेत्र भी टाइगर रिजर्व बनने वाला है, इसलिए कमिश्नर संजय कुमार ने यहां पर एलिवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव रखा था, जो मंजूर हो गया है।

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कमिश्नर ने यह भेजा था प्रस्ताव

कमिश्नर सहारनपुर मंडल संजय कुमार के अनुसार जहां एलिवेटेड हाईवे बनेगा, उसके आसपास के आरक्षित वन क्षेत्र में 10 से 15 टाइगर, उक्त टाइगर रिजर्व से रिलोकेट किये जा सकते हैं। यह इलाका वन्य जीवों के कॉरिडोर के रूप में कार्य करेगा। शिवालिक वन प्रभाग की पूर्वी सीमा राजाजी राष्ट्रीय पार्क से लगी हुई है, राजाजी राष्ट्रीय पार्क के धौलखंड क्षेत्र में टाइगर का विचरण होता है, जो शिवालिक वन प्रभाग की मोहंड रेंज से मात्र 10 किमी है, जबकि टाइगर का विचरण 50 किमी के इलाके में होता है, उस लिहाज से टाइगर का विचरण इस इलाके में होगा। इस आधार पर यहां एलिवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव दिया गया। यह इलाका टाइगर का बफर जोन बनने वाला है। टाइगर का परिवार बढ़ेगा। इसे ध्यान में रखते हुए नीचे सड़क नहीं निकलने दी और एलिवेटेड हाईवे का प्रस्ताव दिया गया, ताकि मानव के साथ वन्य जीव भी सुरक्षित रहें।

कैमरा ट्रैप में मिले पशु-पक्षी

इस क्षेत्र में कैमरा ट्रैप से वन्य जीवों की गणना में 39 स्तनपोषी पशु प्रजाति, 200 पक्षी प्रजातियां, 18 प्रकार की रेपटाइल 10 प्रकार की एमफिबियन, 114 प्रकार की तितलियां, 10 प्रकार की सर्प प्रजातियां एवं मुख्यत: 34 प्रकार की मत्स्य प्रजातियां पाई जाती हैं। अन्य प्रजातियों में जंगली बिल्ली, तेंदुआ, जंग लगी हुई चित्तीदार बिल्ली, छोटी भारतीय सिवेट, नकाबपोश सिवनी, पाम सिवेट, गोल्डन सियार, भारतीय लोमड़ी, सांभर, चीतल, भौंकने वाले हिरण, नीलगाय, जंगली सुअर, लकड़बग्घा, गीदड़, लोमड़ी, सांभर, चीतल, काकड़, पाड़ा, बारहसिघा, गोरल, आम लंगूर रीसस मकाक, साही और एशियाई हाथी को कैमरा ट्रैप के माध्यम से प्रलेखित किया गया था। इस क्षेत्र में अलबीनो सांभर का देखा जाना इस क्षेत्र की विविधता को परिलक्षित करता है।


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