मशरूम मैन डा. कुशवाहा ने सहारनपुर के मशरूम को बना दिया सोना
सहारनपुर के मशरूम का दुनिया लोहा मानती है। उप्र में सहारनपुर जनपद मशरूम उत्पादन में अव्वल है। इसके पीछे डेढ़ दशक की मेहनत है। इससे पहले सहारनपुर में मशरूम उत्पादन की एक भी यूनिट नहीं थी।
सहारनपुर, जेएनएन। सहारनपुर के मशरूम का दुनिया लोहा मानती है। उप्र में सहारनपुर जनपद मशरूम उत्पादन में अव्वल है। इसके पीछे डेढ़ दशक की मेहनत है। इससे पहले सहारनपुर में मशरूम उत्पादन की एक भी यूनिट नहीं थी।
कृषि विज्ञान केंद्र के फसल सुरक्षा अधिकारी डा. आईके कुशवाहा ने वर्ष 2005 में सहारनपुर आने के बाद वर्ष 2007 में कृषि विज्ञान केंद्र की वार्षिक कार्य योजना के उद्देश्य से पहली बार मशरूम उत्पादन के लिए प्रशिक्षण एवं नवयुवक स्वरोजगार प्रशिक्षण प्रस्तावित कर कार्य शुरू किया था। ग्रामीण नवयुवकों में उत्पादन के लिए आकर्षण बढ़ता गया और ढींगरी मशरूम उत्पादन का कार्य शुरू हुआ। वर्तमान में जनपद सहारनपुर में 250 भी अधिक मशरूम उत्पादन यूनिट संचालित हो रही हैं, जिससे सहारनपुर उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान रखता है, जिनसे 300 टन से भी अधिक मशरूम उत्पादन होता है। सहारनपुर में मशरूम को विशेष पहचान दिलाने में डा. कुशवाहा का बड़ा योगदान है। डा. कुशवाहा को कृषि जगत में मशरूम मैन कहा जाता है।
गांव मदनुकी में की मशरूम उत्पादक संघ की स्थापना
डॉ इंद्र कुमार कुशवाहा ने वर्ष 2005 में कृषि विज्ञान केंद्र सहारनपुर पर स्थानांतरण के बाद उन्होंने यहां के अनुकूल वातावरण एवं अपेक्षित आर्द्रता अनुकूलता को देखते हुए युवकों को मशरूम उत्पादन के विषय में जागरूक करना शुरू किया। वर्ष 2007 में पहली बार मशरूम उत्पादन के लिए प्रशिक्षण एवं नवयुवक स्वरोजगार प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र सहारनपुर की वार्षिक कार्य योजना में प्रस्तावित करके कार्य शुरू किया। वर्ष 2008 -2009 में जनपद में ढींगरी मशरूम उत्पादन की 100 और सफेद बटन मशरूम की 5 से भी अधिक उत्पादन इकाई संचालित की गई। वर्ष 2009 में डा. कुशवाहा द्वारा मशरूम उत्पादक संघ की स्थापना ग्राम मदनुकी में की गई। जिसमें हरपाल सिंह ,सतवीर सिंह, राकेश सिंह, अमित शर्मा का विशेष सहयोग रहा। तकनीकी सहयोग से मशरूम ग्राम मदनुकी में ही 22 मशरूम उत्पादन यूनिट स्थापित की गई। 250 इकाई 300 टन उत्पादन से प्रदेश में प्रथम स्थान
वर्तमान में जनपद सहारनपुर में ग्रामों में 250 से भी अधिक मशरूम उत्पादन यूनिट संचालित होने के कारण जनपद सहारनपुर उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान रखता है जिन से 300 टन से भी अधिक मशरूम की विभिन्न प्रजातियां सफेद बटन मशरूम, ढींगरी मशरूम, मिल्की मशरूम का उत्पादन होता है। कोरोना महामारी लाकडाउन के कारण नौकरी पेशा शिक्षित कुछ नवयुवकों का रोजगार छिन गया तो उन्होंने सहारनपुर में आकर डा. कुशवाहा के तकनीकी सहयोग से मशरूम उत्पादन को अपनाया और इस वर्ष 2021 तक जनपद में वर्ष भर सफेद बटन मशरूम उत्पादन करने वाली 10 नई यूनिट स्थापित हुई।
पूरे देश से लेते हैं आनलाइन प्रशिक्षण
कृषि विज्ञान केंद्र सहारनपुर के मशरूम वैज्ञानिक डा. इंद्र कुमार कुशवाहा द्वारा वर्ष में दो बार मशरूम उत्पादन तकनीकी ट्रेनिग आयोजित की जाती हैं जिसमे पूरे देश से आनलाइन और सहारनपुर आकर ट्रेनिग लेते हैं। आसपास के जनपद मुजफ्फरनगर, बागपत, बिजनौर, मुरादाबाद, मेरठ, बदायूं, बरेली, दिल्ली, नोएडा, बुलंदशहर, उत्तरांचल हरियाणा पंजाब के युवक भी ग्राम मदनुकी में मशरूम उत्पादक संघ की बैठक में भाग लेते हैं।