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जनता रोड की भूमि पर दर्ज अवैध खातेदारों के नाम खारिज

उपजिलाधिकारी सदर अनिल कुमार सिंह ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित कर जनता रोड की जमीन पर अवैध रूप से दर्ज चले आ रहे काश्तकारों के नाम खारिज कर दिए गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 01:00 AM (IST)
जनता रोड की भूमि पर दर्ज अवैध खातेदारों के नाम खारिज
जनता रोड की भूमि पर दर्ज अवैध खातेदारों के नाम खारिज

सहारनपुर जेएनएन। उपजिलाधिकारी सदर अनिल कुमार सिंह ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित कर जनता रोड की जमीन पर अवैध रूप से दर्ज चले आ रहे काश्तकारों के नाम खारिज कर दिए गए हैं।

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सहारनपुर से पुंवारका होकर मुजफ्फराबाद जाने वाली सड़क जनता रोड के नाम से जानी जाती है। इस सड़क के लिए लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 1962 में अनेक ग्रामों के साथ ग्राम तिपरपुर के खसरा संख्या 115,116 व 117 की भूमि का भी अधिग्रहण किया था और मूल खातेदारों को मुआवजे का भुगतान भी कर दिया गया था। अधिग्रहण के बाद नियमानुसार इस भूमि पर लोक निर्माण विभाग का नाम दर्ज किया जाना था, लेकिन चकबंदी विभाग द्वारा भेजे गए परवाना अमलदरामद का इंद्राज तहसील के अभिलेखों में न होने के कारण सड़क की भूमि पर भी काश्तकारों का ही नाम चलता रहा, जबकि मौके पर सड़क चल रही है। चकबन्दी के बाद पुराने खसरा नंबरों से नए नंबर बन गए और मूल काश्तकारों की मृत्यु के बाद उनके वारिसों के नाम भी दर्ज हो गए।

उपजिलाधिकारी ने बताया कि ग्राम पुंवारका में यूनिवर्सिटी की स्थापना के बाद से जनता रोड़ पर जमीनों के दाम कई गुना बढ़ चुके हैं। अभिलेखों में हुई इस गलती का फायदा उठाकर खातेदार यशपाल, वीर सिंह, महावीर सिंह, रिजवान, अख्तर, फुरकान आदि ने अवैध तरीके से खसरा संख्या 115,116 व 117 की भूमि के बैनामे शुरू कर दिए और खरीदारों को सड़क से लगी ऐसी जमीनों पर कब्जा दिलाने का प्रयास किया गया जो दूसरे खातेदारों की है। जिस कारण यहां जमीनी विवाद होने लगे थे।

नितिन अग्रवाल के प्रार्थना पर दर्ज हुआ केस

हाल ही में कुछ व्यक्तियों ने बैनामे करके सड़क के पास स्थित नितिन अग्रवाल नामक व्यक्ति की भूमि पर कब्जा करने का प्रयास किया था। जिस कारण दोनों पक्षों के बीच गंभीर विवाद हुआ और एसडीएम सदर और सीओ द्वितीय के हस्तक्षेप के बाद स्थिति सामान्य हो सकी थी। नितिन अग्रवाल के प्रार्थनापत्र पर जिलाधिकारी के आदेश पर उपजिलाधिकारी सदर ने अपने न्यायालय में केस दर्ज कर पूरे मामले में तहसीलदार से रिपोर्ट तलब की तथा नियमित रूप से केस की सुनवाई की। तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट में पुष्टि की कि सड़क के लिए अधिग्रहित हो चुकी भूमि पर काश्तकारों के नाम गलत दर्ज चले आ रहे हैं, जिन्हें खारिज किया जाना चाहिए। सभी पक्षों को नोटिस देकर सुनवाई करने के बाद उपजिलाधिकारी ने सोमवार को ग्राम तिपरपुर के खसरा संख्या 115,116 व 117 से कथित खातेदारों के नाम खारिज करके जनता रोड़ दर्ज करने के आदेश पारित कर दिए गए। इससे सरकारी भूमि के बैनामों के कारण हो रहे घोटालों और भूमि विवादों पर अंकुश लग गया है।

सैददराजा में भी खातेदारों के नाम खारिज

उपजिलाधिकारी ने बताया कि इससे पूर्व जनता रोड़ पर ही ग्राम चक सैददराजा में भी इसी तरह का प्रकरण सामने आया था, जिसकी सुनवाई के बाद कथित खातेदारों के नाम खारिज कर जनता रोड़ का नाम दर्ज किया जा चुका है। यह भी अवगत कराया कि जनता रोड़ से संबंधित सभी अभिलेखों की जांच कराई जा रही है तथा इस प्रकार का कोई भी मामला मिलने पर तत्काल दुरुस्ती की कार्यवाही की जाएगी।


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