कोरोना से बचाएगी मजबूत प्रतिरोधक क्षमता: सीएमओ
कोरोना संक्रमण की चेन लगातार बढ़ती ही जा रही है। खासकर सहारनपुर में अचानक से संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यह जिला तीन राज्यों की सीमा पर है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बीएस सोढ़ी की मानें तो संक्रमण से बचने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का इमानदारी से पालन करने पर इससे बचा जा सकता है।
सहारनपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की चेन लगातार बढ़ती ही जा रही है। खासकर सहारनपुर में अचानक से संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यह जिला तीन राज्यों की सीमा पर है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बीएस सोढ़ी की मानें तो संक्रमण से बचने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का इमानदारी से पालन करने पर इससे बचा जा सकता है। साथ ही आम शहरी के मन में रोज नए-नए सवाल उठ रहे हैं, जिनका जवाब सीएमओ दे रहे हैं।
-क्या कोरोना वायरस संक्रमण का मतलब मौत है?
यह बात पूरी तरह गलत है। बड़ी संख्या में संक्रमित लोग ठीक हुए हैं। पूरे भारत में रिकवरी रेट में बेहतर है, जबकि सहारनपुर तो देश में आठवें व प्रदेश में पहले स्थान पर भी रहा है। अच्छी तरह से उपचार कराने के बाद व्यक्ति स्वस्थ होकर अपनों के बीच पहुंच रहा है। हालांकि यह सच है कि अभी तक इसका कोई इलाज सामने नहीं आया है, लेकिन जिसका वायरस के लिए टेस्ट पॉजिटिव आया है, उसकी मौत ही होगी, ये कहना भी सही नहीं है।
-खांसी-जुकाम और बुखार होने पर टेस्ट कराना क्या जरूरी है?
वायरस के ज्यादातर मामले सामान्य सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसे ही होते हैं। अगर किसी व्यक्ति को फ्लू के कुछ हल्के लक्षण नजर आ रहे हैं तो उन्हें कोरोना वायरस का टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं। लो ग्रेड बुखार, सर्दी और खांसी है तो घर पर आराम करें। खूब सारा तरल पदार्थ लें लेकिन, जिन्हें तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है तो नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
बुजुर्ग व बच्चों को इस बीमारी से कितना खतरा है?
अभी तक के अध्ययन से पता चला है कि वायरस की चपेट में ज्यादातर बुजुर्ग या ऐसे लोग आ रहे हैं, जिन्हें पहले से कोई बीमारी है। अभी तक सिर्फ इसी नतीजे पर पहुंचे हैं कि जिनका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है उन पर वायरस का प्रकोप ज्यादा है। ऐसे में अगर पहले से कोई बीमारी है, डायबिटीज, दिल से जुड़ी बीमारी, स्ट्रोक या सांस से जुड़ी बीमारी है तो फ्लू जैसे लक्षणों को भी हल्के में न लें और तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।