CAA Protest: देवबंद में पूर्व विधायक के पुत्र समेत पांच के खिलाफ मुकदमा Saharanpur News
सहारनपुर के देवबंद में सीएए और एनआरसी के विरोध के नाम पर चल रहे धरना-प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने पूर्व विधायक के पुत्र समेत पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
सहारनपुर, जेएनएन। CAA Protest देवबंद में सीएए और एनआरसी के विरोध के नाम पर चल रहे धरना-प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने पूर्व विधायक के पुत्र समेत पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पुलिस के मुताबिक आरोपित लगातार धारा-144 का उल्लंघन कर रहे थे। उधर, दिल्ली के शाहीन बाग धरने में सहारनपुर की दो अध्यापिकाओं द्वारा प्रधानमंत्री व गृह मंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का वीडियो वायरल होने पर हिंदू संगठनों व अभिभावकों ने स्कूलों में प्रदर्शन कर अध्यापिकाओं के निलंबन की मांग की। इस पर स्कूल प्रशासन ने एक अध्यापिका को निलंबित कर दिया। दोनों अध्यापिकाओं से स्कूलों ने स्पष्टीकरण मांगा है।
135 को नोटिस कराया तामील
देवबंद के ईदगाह मैदान में विगत 15 दिन से धरना-प्रदर्शन के मामले में प्रशासन ने 135 लोगों को नोटिस तामील कराया था। सोमवार को खानकाह चौकी प्रभारी असगर अली ने पूर्व विधायक माविया अली के पुत्र हैदर अली के अलावा दो मीडियाकर्मियों मुशर्रफ उस्मानी व फहीम उस्मानी और शोएब व फिरोज के खिलाफ ध्वनि प्रदूषण फैलाने, देर रात तक लाउड स्पीकर बजाने, भीड़ को एकत्रित करने समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। सीओ चौब सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है।
अध्यापिकाओं के खिलाफ नारेबाजी
उधर, शाहीन बाग प्रकरण में सोमवार को सहारनपुर के आशा माडर्न स्कूल और रेनबो स्कूल में पहुंचे लोगों ने अध्यापिकाओं के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। लोगों ने कहा कि अध्यापिका नाहिदा व शहजाद बेगम ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री व राम मंदिर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने आशा माडर्न के प्रधानाचार्य डा. दिव्य जैन व रेनबो स्कूल की निदेशक नर्गिस मलिक से अध्यापिकाओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। डा. दिव्य जैन ने बताया कि अध्यापिका नाहिदा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। वहीं, नर्गिस मलिक ने बताया कि अध्यापिका शहजाद से स्पष्टीकरण मांगा है।
तो होगी कठोर कार्रवाई
एसपी सिटी विनीत भटनागर ने कहा कि वायरल वीडियो की जांच कराकर मामले में कानूनी सुझाव लिए जाएंगे। जिला विद्यालय निरीक्षक भी जांच करेंगे। यदि कोई व्यक्ति या संगठन संबंधित स्कूल पर अनावश्यक दबाव बनाकर हंगामा अथवा शांति भंग करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।