आमजन में जागरुकता बढ़ा रहीं आरती
कपड़े और जूट बैग को अपनाना है प्लास्टिक को हटाना है के नारे को साकार करने की दिशा में आमजन मे जागरूकता बढ़ी है। प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण के खतरों के प्रति आगाह करने के लिए आरती सिघल ने मुहिम छेड़ी है।
सहारनपुर, जेएनएन। कपड़े और जूट बैग को अपनाना है, प्लास्टिक को हटाना है, के नारे को साकार करने की दिशा में आमजन मे जागरूकता बढ़ी है। प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण के खतरों के प्रति आगाह करने के लिए आरती सिघल ने मुहिम छेड़ी है। अपनी इस मुहिम में उन्हें परिजनों के साथ ही मित्रों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। उनका मानना है कि खतरनाक पॉलीथीन प्लास्टिक के निर्माण और भंडारण पर पहले सख्ती से पाबंदी लगाई जानी चाहिए तभी हम पॉलीथीन मुक्त भारत के सपने को साकार कर सकेंगे।
सिगल यूज प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है, जिसके कारण जल, मृदा और वायु तीनों प्रकार के प्रदूषण इससे होते हैं और साथ ही यह मानव जीवन के लिए भी हानिकारक है। महानगर के मटियामहल निवासी आरती सिघल पिछले 13 वर्षों से लायनेस क्लब आस्था सहारनपुर से सक्रिय रूप से जुड़ी है। वर्तमान में वह क्लब के कोषाध्यक्ष पद के दायित्व का जिम्मेदारी से निर्वहन कर रही है, साथ ही वह अग्रवाल एकता मंच की भी सदस्य रही है। अपने सर्किल में रहते हुए उन्होंने क्लब द्वारा गोद लिए हुए उच्च प्राथमिक स्कूल मनोहरपुर में बच्चों के बीच पहुंचकर उनकी शैक्षिक परेशानियों को करीब से देखा। कई बच्चों के पास कापी-पेंसिल, रबड़ आदि का अभाव देखा तो उनसे रहा नहीं गया। अपने संसाधनों से आरती ने न केवल उन परेशानियों को दूर कराया बल्कि कई बच्चों के परिवारों से सीधे संपर्क किया। हाल ही में दो गरीब बच्चों को स्कालरशिप भी आरंभ की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पॉलीथीन हटाओ अभियान और सिगल यूज प्लास्टिक मुक्त भारत से वह खासी प्रभावित है। सेवा कार्यों के साथ ही वह गोद लिए हुए स्कूल में बच्चों को पॉलीथीन से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करती है। क्लब की सदस्यों के साथ किए जाने वाले सेवा कार्यों में स्वास्थ्य कैंप, स्टेशनरी वितरण कैंप में भी पॉलीथीन से होने वाले नुकसान गिनाती है और यह संकल्प कराती है कि पॉलीथीन और सिगल यूज प्लास्टिक से हमें पूरी तरह किनारा कर लेना चाहिए। अपनी इस मुहिम में आरती को सास सुषमा सिघल, ससुर राकेश सिघल, पति अभिषेक सिघल के अलावा बेटी आद्वविका सिघल व बेटे त्रिशिर सिघल का पूरा सहयोग मिल रहा है। उनका मानना है कि पॉलीथीन और सिगल यूज प्लास्टिक के निर्माण और भंडारण पर सबसे पहले रोक लगाई जानी चाहिए, अन्यथा प्रचार-प्रसार की मुहिम बेमानी साबित होगी। अपने इस अभियान में वह अन्य संस्थाओं को साथ लेकर चलने का इरादा रखती है।