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नगर में तालाबों सहित कुओं का भी अस्तित्व लगभग समाप्त

नगर में तालाबों के साथ ही कुओं का भी अस्तित्व लगभग समाप्त हो गया है। राजस्व रिकार्ड में अब नगर में केवल दो तालाब बचे हैं जिनमें से एक धार्मिक महत्व का है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 06:15 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 06:15 PM (IST)
नगर में तालाबों सहित कुओं का भी अस्तित्व लगभग समाप्त
नगर में तालाबों सहित कुओं का भी अस्तित्व लगभग समाप्त

सहारनपुर जेएनएन। नगर में तालाबों के साथ ही कुओं का भी अस्तित्व लगभग समाप्त हो गया है। राजस्व रिकार्ड में अब नगर में केवल दो तालाब बचे हैं, जिनमें से एक धार्मिक महत्व का है।

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पूरा गंगोह ब्लाक क्षेत्र सरकार ने डार्क जोन में घोषित किया हुआ है। इसके बावजूद जल का बेहद ज्यादा दोहन किया जा रहा है। क्षेत्र में हैंडपंप भी जल स्तर नीचे जाने के कारण जवाब दे गए हैं। दूषित वातावरण का असर यहां पानी पर भी है। तालाबों की बात करें तो यहां आजादी के बाद एक दर्जन से ज्यादा तालाब जल संग्रह के लिए मौजूद थे। ग्रामीण क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। गांव दर गांव तालाबों पर कब्जे के मामले न्यायालय में चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा काफी समय पूर्व तालाबों को खाली कराने के आदेश दिए थे परन्तु काफी तालाब ऐसे हैं जो खाली नहीं हो सके। इस समय राजस्व रिकार्ड के अनुसार नगर में दो ही तालाब बचे हैं जिनमें मोहल्ला गुजरान व कुरैशियान सीमा पर स्थित तालाब भी धीरे-धीरे समाप्ति की और है। करीब 16 बीघा का तालाब अब अंतिम चरण में है। दूसरा पवित्र ककराली सरोवर है जिसका वजूद तो मौजूद है लेकिन वह भी पानी की राह देख रहा है। इस क्षेत्र को सिचाई के लिए सांसद प्रदीप चौधरी ने शासन को नहर निकालने का प्रस्ताव दिया था। यह मुद्दा संसद में भी उठाया था, लेकिन अभी तक इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। सांसद का कहना है कि वह इस दिशा में प्रयास करते रहेंगे।


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