आंगनबाड़ी केंद्रों पर शिशुओं को अन्नप्राशन कराया
पोषण अभियान के तहत प्रत्येक माह की 20 तारीख को समुदाय आधारित गतिविधियों में फंडेड एक्टिविटीज के रूप में अन्नप्राशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका मकसद है कि बचों की ग्रोथ और वृद्धि के लिए ऊपरी आहार की आवश्यकता होती है छह माह के बाद मां के दूध से वह पौष्टिक तत्व नहीं मिल पाते जो बचों की पर्याप्त वृद्धि के लिए आवश्यक है।
सहारनपुर, जेएनएन। पोषण अभियान के तहत प्रत्येक माह की 20 तारीख को समुदाय आधारित गतिविधियों में फंडेड एक्टिविटीज के रूप में अन्नप्राशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका मकसद है कि बच्चों की ग्रोथ और वृद्धि के लिए ऊपरी आहार की आवश्यकता होती है छह माह के बाद मां के दूध से वह पौष्टिक तत्व नहीं मिल पाते जो बच्चों की पर्याप्त वृद्धि के लिए आवश्यक है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित अन्नप्राशन व्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए प्रत्येक केंद्रों पर उस परिवार की माता, दादी, बुआ इत्यादि लोग इकट्ठे होते हैं तथा जो बच्चे पांच माह पूरा कर चुके हैं, उनके परिवारजनों को भी बुलाया जाता है और उनको भी ऊपरी आहार के फायदे के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा और विचार विमर्श किया जाता है। इस अवसर पर उस ग्राम की आशा, आंगनवाड़ी कार्यकत्री और सहायिका द्वारा पूर्ण रूप से भाग लिया जाता है। दिसंबर माह में कुल 4463 बच्चों का अन्नप्राशन कार्यक्रम किया गया था लक्ष्य प्रत्येक माह आंगनवाड़ी केंद्रों पर चार से साढ़े चार हजार बच्चों का अन्नप्राशन होता है। इस अवसर पर घाटखेड़ा ग्राम में सोमवार को अन्नप्राशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सानिया बालिका जो छह माह को छह माह की अवस्था को पूर्ण कर चुकी है उसका अन्नप्राशन किया गया तथा सुनील नाम के बच्चे का अन्नप्राशन आंगनवाड़ी केंद्र पर किया गया। इस अवसर पर आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाएं उपस्थित रहे।