आंवला और नींबू इम्यूनिटी बढ़ाने में बेहद कारगर : डा. अमरजीत
कोरोना ने जिले को हिलाकर रख दिया है। 438 लोगों की जान ले चुका है। 32 हजार से अधिक लोग कोरोना के मरीज मिल चुके हैं। इसलिए डाक्टर लोग लोगों को सलाह दे रहे हैं कि अपने शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाएं। शहर के प्रसिद्ध डा. अमरजीत पोपली का कहना है कि इम्यूनिटी बढ़ाने में आंवला और नींबू बेहद कारगर है। रोजाना इनके सेवन से विटामिन-सी बढ़ता है।
सहारनपुर, जेएनएन। कोरोना ने जिले को हिलाकर रख दिया है। 438 लोगों की जान ले चुका है। 32 हजार से अधिक लोग कोरोना के मरीज मिल चुके हैं। इसलिए डाक्टर लोग लोगों को सलाह दे रहे हैं कि अपने शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाएं। शहर के प्रसिद्ध डा. अमरजीत पोपली का कहना है कि इम्यूनिटी बढ़ाने में आंवला और नींबू बेहद कारगर है। रोजाना इनके सेवन से विटामिन-सी बढ़ता है।
डा. अमरजीत पोपली का कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए नियमों का पालन करना भी जरूरी है। इसलिए शारीरिक दूरी का पालन करें। बिना मास्क के अपने घर से बाहर न निकलें। वहीं, नियमित रूप से हाथ धोते रहें। बाहर जाएं तो सैनिटाइजर की बोतल अपने साथ रखें। हर आधे घंटे में हाथों को सैनिटाइज करते रहें। इसके अलावा अपने घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। कीटाणु पैदा न होने दें। सुबह एक्सरसाइज करने के बाद नाश्ते में भीगे हुए देसी चने, दलिया, दूध ले सकते हैं। दोपहर के खाने में एक दाल और एक हरी सब्जी शामिल करें। दही और मट्ठा भी लें। रात के खाने में खिचड़ी ले सकते हैं। चपाती हरी सब्जी के साथ खा सकते हैं। सोने से पहले हल्दी वाला दूध जरूर लें। रात को भीगे हुए बादाम सुबह के समय छिलके उतारकर खाएं। यह सब करने से इम्यूनिटी मजबूत होगी।
हौसले के साथ ग्रामीण भी कोरोना को दे रहे मात
जागरण संवाददाता, सहारनपुर : कोरोना को हराना मुश्किल काम नहीं है। इंसान में हौसला होना चाहिए। शहर के ही नहीं, गांवों के लोग भी कोरोना को हौसले से मात दे रहे हैं। अब तक हजारों लोग इसी तरह से ठीक हो चुके हैं। अच्छी बात यह है कि इन लोगों ने अस्पताल तक भी जाना उचित नहीं समझा और घर पर रहकर कोरोना को हराया। ऐसे ही गांव हबीबपुर के एक ग्रामीण ने भी कोरोना को मात दी है।
गांव हबीबपुर निवासी कृष्णपाल की उम्र 62 साल है। 17 मई को उनकी कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। इतनी उम्र होने के बाद भी वह घबराए नहीं और उन्होंने खुद को होम आइसोलेट कर लिया। उनका आक्सीजन लेवल भी कम हुआ, लेकिन हौसला नहीं तोड़ा। घर पर ही अपना आक्सीजन लेवल ठीक कर लिया। इसके बाद उन्होंने डाक्टरों की सलाह के बाद दवाइयां लेनी शुरू की। घर में बना काढ़ा खूब पीया। गर्म पानी का इस्तेमाल किया। अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए खट्टे फल खाए। कृष्णपाल बताते हैं कि शुरुआत में उन्हें लगा था कि शायद अब वह बच नहीं पाएंगे, लेकिन उनके रिश्तेदारों और परिवार के लोगों ने उनका हौसला बढ़ाया, जिसके बाद उन्होंने कभी अपना हौसला नहीं तोड़ा। अब कृष्णपाल पूरी तरह से स्वस्थ हैं और अपनी खेतीबाड़ी का काम देख रहे हैं। कृष्णपाल का कहना है कि कोरोना को हराने के लिए लोगों को हौसला नहीं तोड़ना चाहिए।