Triple Talaq Bill के खौफ से फिर बसा नसीमा का घर Saharanpur News
8 माह से अपने मायके में थी मगर इस बीच एक बार भी उसे ले जाने के लिए कोई नहीं आया था। अब तीन तलाक कानून के डर से उसे एक बार फिर अपने घर वापस जाने का मौका मिल गया है।
By Taruna TayalEdited By: Published: Sat, 03 Aug 2019 04:00 PM (IST)Updated: Sat, 03 Aug 2019 04:00 PM (IST)
सहारनपुर, जेएनएन। तीन तलाक बिल पास होने के बाद मुस्लिम समाज में इसका खौफ नजर आने लगा है। कानून के तहत तीन साल की सजा के डर से सहारनपुर की रहने वाली नसीमा का घर एक बार फिर बस गया है। समझौते में साफ तौर पर लिखा गया है कि ट्रिपल तलाक विरोधी कानून लागू होने के कारण सभी आरोपित तीन साल की सजा से बचने के लिए समझौता कर अपनी बहू वसीमा को अपने साथ ले जा रहे हैं।
यह है मामला
थाना कुतुबशेर अंतर्गत खुंगर कालोनी में हसीन मस्जिद के निकट रहने वाली नसीमा की शादी 22 अप्रैल 2015 को उत्तराखंड के हरबर्टपुर (विकासनगर) निवासी मोहम्मद अली पुत्र अब्दुल सलाम के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही उसे दहेज की मांग को लेकर उसके साथ मारपीट कर परेशान किया जाने लगा था। इतना ही नहीं नसीमा का पति देहरादून में किसी अन्य महिला के संपर्क में भी था। करीब 14 महीने पहले ससुराल में पति ने मारपीट कर उसे छोड़ने और तलाक देने की धमकी देते हुए उसे घर से निकाल दिया था। पिछले करीब आठ माह से वह अपने मायके में रह रही थी। पिछले माह 12 जुलाई को नसीमा ने अपने पति व सास, ससुर समेत 6 लोगों को नामजद करते एसएसपी सहारनपुर के यहां प्रार्थना पत्र देते हुए कार्रवाई की मांग की थी। इसी बीच उसकी मुलाकात सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फरहा फैज से हुई। फरहा का साथ मिलने और तीन तलाक बिल पास होने के बाद नसीमा ने ससुराल पक्ष पर दबाव बनाया तो शनिवार को ससुराल पक्ष के लोग सहारनपुर आए और समझौता लिखने के बाद नसीमा को अपने साथ ले जाने पर राजी हो गए।
आठ माह बाद हो रही ससुराल वापसी
नसीमा का कहना है कि वह पिछले 8 माह से अपने मायके में थी मगर इस बीच एक बार भी उसे ले जाने के लिए कोई नहीं आया था। अब तीन तलाक कानून के डर से उसे एक बार फिर अपने घर वापस जाने का मौका मिल गया है। समझौते में नसीमा की मांग पर उसके ससुर ने नसीमा के नाम 750 वर्ग फुट प्लाट का बैनामा करने का वादा भी किया है।
यह है मामला
थाना कुतुबशेर अंतर्गत खुंगर कालोनी में हसीन मस्जिद के निकट रहने वाली नसीमा की शादी 22 अप्रैल 2015 को उत्तराखंड के हरबर्टपुर (विकासनगर) निवासी मोहम्मद अली पुत्र अब्दुल सलाम के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही उसे दहेज की मांग को लेकर उसके साथ मारपीट कर परेशान किया जाने लगा था। इतना ही नहीं नसीमा का पति देहरादून में किसी अन्य महिला के संपर्क में भी था। करीब 14 महीने पहले ससुराल में पति ने मारपीट कर उसे छोड़ने और तलाक देने की धमकी देते हुए उसे घर से निकाल दिया था। पिछले करीब आठ माह से वह अपने मायके में रह रही थी। पिछले माह 12 जुलाई को नसीमा ने अपने पति व सास, ससुर समेत 6 लोगों को नामजद करते एसएसपी सहारनपुर के यहां प्रार्थना पत्र देते हुए कार्रवाई की मांग की थी। इसी बीच उसकी मुलाकात सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फरहा फैज से हुई। फरहा का साथ मिलने और तीन तलाक बिल पास होने के बाद नसीमा ने ससुराल पक्ष पर दबाव बनाया तो शनिवार को ससुराल पक्ष के लोग सहारनपुर आए और समझौता लिखने के बाद नसीमा को अपने साथ ले जाने पर राजी हो गए।
आठ माह बाद हो रही ससुराल वापसी
नसीमा का कहना है कि वह पिछले 8 माह से अपने मायके में थी मगर इस बीच एक बार भी उसे ले जाने के लिए कोई नहीं आया था। अब तीन तलाक कानून के डर से उसे एक बार फिर अपने घर वापस जाने का मौका मिल गया है। समझौते में नसीमा की मांग पर उसके ससुर ने नसीमा के नाम 750 वर्ग फुट प्लाट का बैनामा करने का वादा भी किया है।
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