96 हजार के नकली नोटों सहित छह गिरफ्तार
बड़गांव पुलिस ने नकली करेंसी छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर छह लोगों को गिरफ्तार किया है। उनसे 96 हजार रुपये की नकली करेंसी छपाई का प्रिटर स्कैनर व कागज भी बरामद किए हैं। सभी को जेल भेज दिया है।
सहारनपुर, जेएनएन। बड़गांव पुलिस ने नकली करेंसी छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर छह लोगों को गिरफ्तार किया है। उनसे 96 हजार रुपये की नकली करेंसी, छपाई का प्रिटर, स्कैनर व कागज भी बरामद किए हैं। सभी को जेल भेज दिया है।
थाना प्रभारी निरीक्षक अभिषेक सिरोही ने बताया कि नकली करेंसी छापकर बाजारों में सप्लाई करने वाले गिरोह के छह सदस्यों को शुक्रवार रात महाराणा प्रताप चौक से पकड़ा गया। इनमें सोनू पुत्र गुलाब निवासी हैदरनगर थाना तितावी मुजफ्फरनगर व कपिल पुत्र मदन निवासी रायपुर नंगली थाना रतनपुरी मुजफ्फरनगर को गिरफतार किया। दोनों नकली नोटों की सप्लाई देने आए थे। उनकी निशानदेही पर मुजफ्फरनगर में थाना तितावी के गांव हैदरनगर निवासी किरणपाल पुत्र चंद्रमुखी व उसके साथी रविद्र पुत्र रामकुमार को घर से गिरफ्तार कर स्कैनर, प्रिटर, कुछ कागज व करीब 50 हजार रुपये बरामद किए। इसके बाद किरणपाल ने मुजफ्फरनगर निवासी अपने साथी ऋषिपाल पुत्र ज्ञान सिंह तथा संजीव पुत्र राजेंद्र निवासी खेड़ी दुधाधारी को भी गिरफ्तार कराया।
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100 व 200 के नोट छापते थे
गिरोह के सदस्य बाजार में आसानी से खपने वाले सौ व दौ सौ के नोट ही छापते थे। इंस्पेक्टर ने बताया कि सोनू, किरणपाल व रविद्र मिलकर इस धंधे को करते थे। सोनू स्कैनर से कागज पर असली तीन नोट चिपकाकर उनकी दोनों ओर से फोटो स्टेट करता था। ऋषिपाल, संजीव व कपिल नकली नोटों को बाजार में एक-एक करके खपाते थे। बकौल सोनू, वह इससे पहले भी 50 हजार रुपये के नकली नोट बाजार में चला चुका है।
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मुजफ्फरनगर के बाजार से खरीदते थे कागज
नोट छापने के लिए फोटोग्राफी में काम आने वाले कागज का एक रिम मुजफ्फरनगर के बाजार से 120 रुपये में खरीदते थे। इन नोटों से वे सहारनपुर, शामली तथा मुजफ्फरनगर जिले के छोटे कस्बों में खोखा, रेहड़ी वालों से सामान खरीदते थे, ताकि पकड़ में न आ सकें।
--- ऐसे करें नकली करेंसी की पहचान
-नकली नोट के सफेद वाले हिस्से में वाटर मार्क नहीं दिखाई देता।
-नकली नोट में आरबीआइ व भारत लिखा हुआ नहीं दिखाई देता, जबकि असली नोट में इन्हें आसानी से देख सकते हैं।
-नकली नोट में चमकीला तार नहीं दिखाई देता, जबकि असली में चमकीले तार पर आरबीआइ आसानी से देखा जा सकता है।