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मैदान के अभाव में ग्रामीणों को खेलों का नहीं मिल रहा लाभ

जागरण संवाददाता, दढि़याल : केंद्र और प्रदेश सरकार ने ग्रामीण युवाओं को खेल को प्रोत्साहन

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 10:07 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 10:07 PM (IST)
मैदान के अभाव में ग्रामीणों को खेलों का नहीं मिल रहा लाभ
मैदान के अभाव में ग्रामीणों को खेलों का नहीं मिल रहा लाभ

जागरण संवाददाता, दढि़याल : केंद्र और प्रदेश सरकार ने ग्रामीण युवाओं को खेल को प्रोत्साहन के लिए भले ही तमाम कार्यक्रम, योजनाएं चलाई जा रही हों, परन्तु ग्रामीण इलाकों में अभी भी युवा योजनाओं से वंचित हैं। गांव में खेल के प्रशिक्षण तथा मैदान के अभाव से ग्रामीणों को खेलों का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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केंद्र तथा प्रदेश सरकार ने खेलों को प्रोत्साहन और युवाओं को खेलों के प्रति जागरूक करने की मंशा से जिला स्तर पर अनेक योजनाएं बनाई हैं। प्रदेश सरकार ने जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक दल बनाया है, जिसमें जिला स्तर पर अधिकारी और कर्मचारियों की नियुक्ति भी है। उनके द्वारा गांव स्तर पर युवक मंगल दल और युवती मंगल दल बनाए हैं। ऐसे ही केंद्र सरकार ने नेहरू युवा केन्द्र प्रत्येक जिलेवार जिला स्तर पर व्यवस्था की है। रामपुर में भी तहसील सदर में नेहरू युवा केन्द्र हैं, जिसमें जिला युवा समन्वयक, लेखाकार, कार्यक्रम समन्वयक और चपरासी तैनात हैं। नेहरू युवा केन्द्र द्वारा भी ब्लाक वार गांव स्तर पर नेहरू युवा एवं नेहरू युवती मंडल बनाए हैं। ग्रामीण मंडलों के माध्यम से युवाओं को नई-नई जानकारी एवं खेलों के प्रोत्साहन की मंशा से उनका गठन किया गया था, परन्तु उन्हें जिला स्तर से समय-समय पर जानकारी और सलाह के अभाव में युवा मंडल निष्क्रिय होते जा रहे हैं। उन्हें सक्रिय करने के लिए प्रशिक्षण और विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं ग्रामीण इलाकों में चलाने की जरूरत है।

बदलते दौर में गांवों में बढ़ती आबादी और मंहगाई के चलते खेल मैदानों का अभाव हो गया है।ग्रामीण युवा खेल मैदान नहीं होने से खेलों से वंचित हो रहे हैं। स्कूली बच्चे हों या ग्रामीण खेल के मैदान नहीं होने से ग्रामीण परम्परागत खेलों कबड्डी, फुटबाल, वालीबाल, खो-खो, कुश्ती का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। रविवार की सुबह फत्तावाला स्थित ग्रामीण रामस्वरूप सैनी का खेत ¨भड़ी की फसल से खाली हुआ तो कुछ युवा एवं किशोरों ने जमकर खेल का आनंद लिया। ग्रामीण केशव सैनी, नरेश कुमार और विक्की सैनी का कहना है कि खेल का मैदान नहीं होने से ग्रामीणों को खेल का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीण स्तर पर खेल का मैदान होना चाहिए, जिससे ग्रामीण युवाओं में खेल के प्रति रुचि पैदा हो सके। खेल संगठनों को चाहिए कि वह समय-समय पर ग्रामीण इलाकों में लोगों को खेल के प्रति जागरूकता के लिए आवश्यक कार्यक्रम का आयोजन करें।

सरदार बलजीत ¨सह। गांव में खेल का मैदान नहीं होने से युवा खेलों से वंचित हैं। इसके अलावा गांवों में अभी युवाओं को खेल के प्रशिक्षणों की भी जरूरत है।

केशव सैनी, छात्र। ग्रामीण युवाओं को खेल आदि प्रोत्साहन के लिए विभिन्न योजनाएं हैं। नेहरू युवा केन्द्र दिसंबर में पांच ब्लाकों में ब्लाक स्तरीय स्पो‌र्ट्स कार्यक्रम कराएगा।उसके बाद जिलास्तर पर भी कार्यक्रम होगा। उन्होंने बताया कि युवाओं को कार्यक्रमो की जानकारी देने एवं अनेक कल्याणकारी योजनाओं के लिए 18 राष्ट्रीय स्वयंसेवकों की नियुक्ति की जाती है, जिन्हें केंद्र सरकार प्रतिमाह पांच हजार रुपये मानदेय देती है। उसके अलावा भी युवाओं के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जाते हैं। उनका कहना है कि उनके पास बदायूं, पीलीभीत, रामपुर का प्रभार सौंपा है। वह बरेली जनपद में जिला युवा समन्वयक भी है।

दिनेश यादव, प्रभारी जिला युवा समन्वयक, नेहरू युवा केन्द्र रामपुर। सरकार से युवाओं के खेल और कल्याणकारी योजनाओं के लिए बात करेंगे। गांव स्तर पर ग्रामीणों के लिए समय-समय पर खेल के प्रशिक्षण का प्रयास किया जाएगा।

अवधेश कुमार शर्मा, भाजपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय मंत्री।


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