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52 हजार बोरे आने के बाद भी दूर नहीं हो सकी यूरिया की किल्लत

जिन किसानों के पास अवैध भंडारण मिला उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 10:23 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 06:11 AM (IST)
52 हजार बोरे आने के बाद भी दूर नहीं हो सकी यूरिया की किल्लत
52 हजार बोरे आने के बाद भी दूर नहीं हो सकी यूरिया की किल्लत

जागरण संवाददाता, रामपुर : जिले में यूरिया की किल्लत दूर नहीं हो पा रही है। पिछले दिनों 52 हजार बोरे यूरिया मंगाया गया था। लेकिन, उसके बावजूद समस्या जस की तस बनी है। सहकारी समितियों पर रोज ही लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं। खाद न मिलने पर किसानों द्वारा हंगामे और प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं। उधर, अधिकारियों द्वारा जिले में यूरिया का भरपूर स्टॉक होने की बात कही जा रही है।

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वर्तमान में धान की फसल में यूरिया की बहुत आवश्यकता है। इसको लेकर किसान आए दिन समितियों के चक्कर लगा रहे हैं। सुबह से ही वहां पर लंबी लाइनें लगना शुरू हो जाती हैं। उसके बाद दिन भर खड़े रहने के बावजूद उन्हें खाद उपलब्ध नहीं हो पाता। किसानों द्वारा लगातार इसको लेकर प्रदर्शन किए जा रहे हैं। बिलासपुर में किसानों का विरोध बराबर जारी है। दो दिन पूर्व वहां एक समिति पर इसको लेकर किसानों ने जम कर हंगामा काटा था। इससे एक दिन पूर्व भी किसानों ने समिति पर खाद की कालाबाजारी का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था। किसानों का कहना है कि समितियों द्वारा गैर किसानों को यूरिया ब्लैक कर दिया जाता है। जिसके बाद वे लोग मनमाने दामों पर किसानों को यूरिया बेच रहे हैं। इसकी शिकायत अधिकारियों से करने के बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन अंबावता के युवा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मुहम्मद आसिम रजा ने प्रशासन से यूरिया की किल्लत दूर करने की मांग की है। उनका कहना है कि किसान दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। इसके बावजूद समस्या पर ध्यान नही दिया जा रहा है। आरोप लगाया कि सोसाइटी व केंद्रों पर बड़े पैमाने पर इसकी कालाबाजारी हो रही है। वहीं दूसरी ओर अधिकारियों द्वारा जनपद में यूरिया का भरपूर स्टॉक होने की बात कही जा रही है। खाद की किल्लत दूर कराएं कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं बिलासपुर के पूर्व विधायक संजय कपूर ने जिलाधिकारी को पत्र लिख कर यूरिया की किल्लत दूर करने की मांग की है। पत्र में कहा है कि कोरोना महामारी के चलते देश का प्रत्येक तबका आर्थिक संकट झेल रहा है। ऐसे में किसानों की स्थिति बहुत ही चिताजनक है। इस समय धान की फसल प्रमुख रूप से की जा रही है। जिसके लिए अन्य फसलों की अपेक्षा पानी और खाद की अधिक आवश्यकता होती है। कहा है कि डीजल के दाम बढ़ने से किसान पहले से ही परेशान हैं। अब जनपद में यूरिया खाद न मिलने के कारण उनकी परेशानी और भी बढ़ गई है। इसके लिए उन्हें दिन भर लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है। उसके बावजूद खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। वहीं दूसरी ओर खाद को ज्यादा दामों में दिए जाने की शिकायत भी मिल रही हैं। कहा है कि इस समस्या पर जल्द से जल्द संज्ञान लेकर कालाबाजारी पर अंकुश लगाते हुए किसानों को खाद की उपलब्धता को सुगम बनाएं। जिससे उनकी परेशानी दूर हो सके।

यूरिया का अवैध भंडारण कर रहे किसान

जिला कृषि अधिकारी चंद्र गुप्त सागर का कहना है कि जनपद में भरपूर मात्रा में यूरिया का स्टॉक है। समितियों पर भी खाद उपलब्ध करवाया जा रहा है। दिक्कत यह है कि किसानों द्वारा इसका अनावश्यक भंडारण किया जा रहा है। जिसे एक कट्टे की आवश्यकता है, वह 10 कट्टे खरीद रहा है। अपने साथ अपने रिश्तेदारों का भला करने के चक्कर में वे अधिक खाद खरीद रहे हैं। उन्हें ऐसा करने से बचना होगा। उन्होंने कहा कि अब सरकार ने ऐसा सॉफ्टवेयर जारी कर दिया है। जिसमें किसने कितना और कितनी बार खाद लिया, यह सब जानकारी रिकॉर्ड हो रही है। इसकी जांच करवाई जाएगी। जिन किसानों के पास अवैध भंडारण मिला, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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