सर्द हवा है धीमी-धीमी धूप फिजा में छाई है..
जागरण संवाददाता रामपुर रामपुर महोत्सव के मंच पर शुक्रवार की रात गजलों की महफिल सजाई गई। इस दौरान सुप्रसिद्ध गजल गायक आइएएस डॉ. हरिओम ने अपनी सुमधु
जागरण संवाददाता, रामपुर : रामपुर महोत्सव के मंच पर शुक्रवार की रात गजलों की महफिल सजाई गई। इस दौरान सुप्रसिद्ध गजल गायक आइएएस डॉ. हरिओम ने अपनी सुमधुर आवाज में विभिन्न शायरों की गजलें सुना कर दर्शकों के बीच समां बांध दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित फिल्म अभिनेता रजा मुराद ने दीप प्रज्वलित कर किया। उसके बाद कार्यक्रम शुरू हुआ। मंच पर साथी कलाकारों संग पहुंचे गजल गायक डॉ. हरिओम ने अपनी जगह ली और अतिथियों एवं अन्य दर्शकों का अभिवादन किया। दर्शकों ने भी तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया। अब उन्होंने गजलें सुनाने की शुरुआत की। सर्द मौसम पर पेश की गई गजल, सर्द हवा है धीमी-धीमी धूप फिजा में छाई है, ऐसे लम्हों में इस दिल को याद तुम्हारी आई है.. पर पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। मौजूदा मौसम पर पेश इस गजल को सबने बहुत पसंद किया। उसके बाद उन्होंने सुनाया, मशहूर मैं तेरे प्यार का मारा हुआ हूं, सिकंदर हूं मगर हारा हुआ हूं। इसको भी दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। उसके बाद उन्होंने कितनी हसीं है रात, करें भी तो क्या करें, तू भी नहीं है साथ, करें भी तो क्या करें.. व दोनों जहान तेरी मुहब्बत में हार के, वो जा रहा कोई शबे गम गुजार के.. आदि गजलें गा कर पंडाल में समां बांध दिया। उनकी मखमली आवाज में लिपटे गजलों के बोल सामइन पर जैसे नर्म-नाजुक फूलों की मानिद बरस रहे थे। इस बीच उन्होंने दर्शकों की मांग पर भी कई गजलें सुनाईं। पंडाल में बैठे लोग भी सुरों की इस महफिल में देर रात तक डूबे रहे। इससे पूर्व स्थानीय गजल गायक उसामा खान ने भी गजलें सुना कर सबकी प्रशंसा बटोरी। तबले पर राजीव थापा, वायलिन पर अलीम खान, गिटार राकेश आर्य व की बोर्ड पर मयंक सिंह ने संगत दी। इस अवसर पर सिटी मजिस्ट्रेट सर्वेश कुमार गुप्ता आदि उपस्थित रहे।