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देखरेख के अभाव में पार्क में उग आईं झाड़ियां

देखरेख के अभाव में पार्क में उग आईं झाड़ियां

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 11:15 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 11:15 PM (IST)
देखरेख के अभाव में पार्क में उग आईं झाड़ियां
देखरेख के अभाव में पार्क में उग आईं झाड़ियां

जागरण संवाददाता, रामपुर : मुहल्ला करीम बाग में बना पार्क देखरेख के अभाव में बदहाल हो गया है। इसमें जगह-जगह झाड़ियां उग आई हैं। इसके अलावा इस पार्क की चारदीवारी भी नहीं हुई है और न ही बैंच हैं, बच्चों के लिए पार्क में झूले भी नहीं लगवाए गए हैं। लोगों ने पार्क की सफाई कराकर झूले और बैंचें लगवाने की मांग की है।

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लोगों का कहना है कि शहर में जगह-जगह बने पार्कों की तरह मुहल्ला करीम बाग में बना पार्क भी देखभाल के अभाव में बदहाल होता जा रहा है। इसमें जगह-जगह झाड़ियां उग आई हैं। इसके अलावा पार्क की अभी तक चाहरदीवारी नहीं हुई है। इससे पार्क में पौधे आदि भी नहीं हो पाते, जानवर आकर तोड़ देते हैं। इसलिए पार्क की चाहरदीवारी कराई जाए। इसके अलावा पार्क में बच्चों के झूलने के लिए कोई झूला नहीं लगा है। इससे इस पार्क में बच्चों की रौनक भी नहीं रहती। बच्चे अन्य कालोनियों में जहां झूले लगे होते हैं, उनमें झूला झूलने के लिए जाते हैं। इससे इस पार्क का बच्चों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके अलावा पार्क में बैंचे भी नहीं बनी हैं। पार्क में बैंचे बने तो लोग पार्क में कुछ देर बैठ सकें। लोगों ने पार्क की सफाई कराकर इसकी चाहरदीवारी करवाकर बैंचें और झूले लगवाने की मांग की है।

नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी इंदू शेखर मिश्रा ने बताया कि पार्क का निरीक्षण करेंगे, अगर कोई कमी मिलेगी तो उसे दूर कराने का पूरो प्रयास करेंगे। पार्क की देखभाल नहीं होने के कारण इसके अंदर झाड़ियां उग आई हैं, जिसके कारण लोग पार्क के अंदर नहीं जाते हैं। पार्क की सफाई कराई जाए और फूलों के पौधे लगाए जाएं।

बिलासी राम। पार्क की चाहरदीवारी न होने के कारण इसमें लगे पौधों को जानवर तोड़ देते हैं। पार्क की चाहरदीवारी कराकर इसमें पौध रोपण कराया जाए, जिससे पार्क फिर से खूबसूरत बन सके।

अरविद सक्सेना। पार्क में बच्चों के झूला झूलने के लिए झूले भी नहीं लगे हैं। पार्क में अगर झूले लग जाएं तो इस पार्क में बच्चों की काफी चहल पहल रहने लगेगी। पार्क में झूले लगवाए जाएं।

नदीम खां। पार्क की न तो चाहरदीवारी है और न ही इसमें बैंचे और झूले लगे हैं। पार्क की सफाई कराकर चाहरदीवारी कराई जाए और इसमें बैठने के लिए जगह-जगह बैंचें लगवाई जाएं।

राशिद।


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