हर पल भगवान के नाम का करें सुमिरन : गौरदास
हर पल भगवान के नाम का करें सुमिरन गौरदास
जागरण संवाददाता रामपुर: संस्कृति प्रेरणा मंच और सहयोगी संगठन श्री सनातन रामलीला कमेटी व अखिल भारतीय श्री राधा माधव संकीर्तन मंडल के तत्वाधान में उत्सव पैलेस में चल रही श्रीमदभागवत कथा में दूसरे दिन श्री शुकदेव जी का प्रसंग सुनाया गया। इस दौरान मधुर संकीर्तन से माहौल भक्तिमय बना रहा।
वृंदावन से आए भागवत भूषण मानस मर्मज्ञ श्रीश्री गौरदास जी महाराज ने कहा कि जीवन में हर पल भगवान का नाम सुमिरन करते रहना चाहिए, क्योंकि यही मुक्ति का मार्ग है। जीवन गुजरने के बाद यदि जीवन जीने का ढंग आए तो फिर इसका क्या फायदा। इसलिए समय रहते ही इस परम सत्य को समझ लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि बुरे व्यक्ति का संग कभी नहीं करना चाहिए। इसका परिणाम कभी अच्छा नहीं होता। बुराई का संग करने से हमारे कर्म भी बुरे हो जाते हैं और हमारे प्रारब्धों में कठिनाई आती है। इसलिए सदैव अच्छे विचारों के साथ अच्छे कर्म करते रहना चाहिए। उन्होंने कथा सुनने से अमर होने की बात पर कहा कि अमर होने का अर्थ यह कदापि नहीं है कि हमारा शरीर कभी नष्ट नहीं होगा। यह शरीर एक वस्त्र की भांति है और एक वस्त्र को कितने समय तक धारण करेंगे कभी न कभी तो यह मैला होता ही है। इसलिए आत्मा भी शरीर के पुराने होने पर उसे त्याग देती है।
कथा सुनने से अमरता हमें जन्मों के बंधनों से मुक्ति की मिलती है। जो कथा सुनता है और उसपर अमल करता है उसे बैकुण्ठ धाम की प्राप्ति होती है। वृन्दावन से आए जतिन और उनके साथियों ने धन्य धन्य भाग्य हमारे जो शुकदेव जी पधारे भजन सुनाया तो सभी लोग थिरकने लगे।
इससे पूर्व मुख्य यजमान विनोद अग्रवाल, उवैसी अग्रवाल तथा सह यजमान सोनू जिदल, नवनीत सिघल, प्रखर अग्रवाल ने पूजन किया।
मुख्य आयोजक सदस्य धनंजय पाठक ने बताया कि कथा के लिए शहर में वाहनों की व्यवस्था की गई है। दोपहर डेढ़ बजे एक बस ज्वालानगर से आवास विकास होते हुए कथा स्थल तक और एक टाटा मैजिक पुराना गंज से रवाना होती है।
इस मौके पर सुभाष नंदा, डॉ.सौरभ गुप्ता, राजीव सिघल, योगेश अग्रवाल, दीपक गोयल, शलभ गोयल, रेनू गर्ग, वीरेन्द्र गर्ग, सुनील कुमार गोयल, जुगेश अरोरा उर्फ कुक्कू, पूनम अरोरा, वीरेन्द्र अरोरा, ईश्वर सरन अग्रवाल, सुभाष चंद्र अग्रवाल, आशीष जिदल, हरीश चंद्र, प्रवेश कुमार, वेद प्रकाश गोयल, वेद प्रकाश वर्मा, राधेश्याम यादव, आरके अग्रवाल, दीपक गुप्ता, राधेश्याम यादव, ज्ञान प्रकाश गुप्ता, हरिओम, डॉ.अजय अग्रवाल, नरेश शर्मा आदि रहे।