गन्ने से लदी ट्रैक्टर ट्रालियों से रात में लगा घंटों जाम
सोमवार को एसपी का जाम में फंसा था काफिला
जागरण संवाददाता, शाहबाद : राणा शुगर मिल पर ओवरलोड गन्ने से लदी ट्रैक्टर ट्रालियों के जाम में बीती रात घंटों वाहन फंसे रहे। शुगर मिल ने जाम से निजात दिलाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। इस संबंध में हर वर्ष अधिकारियों को अवगत कराया जाता है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी है। अक्सर पुलिस को ही जाम खुलवाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। सोमवार को एसपी का काफिला भी इसी जाम में फंस गया था।
एक ओर साल बीत गया, लेकिन प्रशासन की ओर से शुगर मिल पर लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। सोमवार रात लोग यहां घंटों जाम में फंसे रहे। गन्ने की खेती काफी किसान करते हैं। बाकी शुगर मिल पर बाहर के सेंटरों से भी गन्ने की सप्लाई की जाती है। हर सीजन में 24 घंटे गन्ने से लदी ट्रैक्टर ट्राली मुख्यमार्ग तक खड़ी रहती है। मिल गेट के दोनों ओर कई किलोमीटर तक गन्ने से भरी ट्रैक्टर ट्राली खड़ी रहती है। ट्रैक्टर ट्रालियों से दोनों ओर निकला गन्ना आधी सड़क तक घेर लेता है। मार्ग के दोनों ओर से आने वाले वाहनों को निकलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इससे निपटने के लिए शुगर मिल प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा है। शुगर मिल प्रशासन को चाहिए की मिल गेट के दोनों ओर यार्ड की व्यवस्था करे, जिससे गन्ने से लदी ट्रालियों को सड़क से हटाकर खड़ा किया जा सके। शुगर मिल का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। अक्सर मरीजों को लाने ले जाने वाली एंबुलेंस जाम का शिकार बन जाती हैं। गंभीर स्थिति के मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। भाकियू के जिलाध्यक्ष परशुराम शर्मा ने पिछले दिनों उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप जाम की समस्या से अवगत कराया था, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। ऐसी स्थिति में अगर किसी को शाहबाद-बिलारी मार्ग पर निकलना है तो जरा एक बार सोच लें। रात में लगने वाले जाम में फंस गए तो कई घंटे बर्बाद हो सकते हैं। पिछले दिनों मिल पर ट्रैक्टर ट्रालियों को आगे निकालने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था। इस दौरान मिल पर फायरिग भी हुई थी। बाद में पुलिस ने दो दर्जन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। उस समय पुलिस की गाड़ियां भी जाम में फंस गई थीं। इसी तरह सोमवार को एसपी का काफिला भी जाम में फंस गया था।