सफलता के द्वार की चाबी है अनुशासन
सफलता के द्वार की चाबी है अनुशासन
जागरण संवाददाता, रामपुर : कृष्णा विहार स्थित सुभाष जूनियर हाईस्कूल में दैनिक जागरण की ओर से संस्कारशाला का आयोजन किया गया। इसमें बच्चों को जीवन में अनुशासन के महत्व के विषय में बताया गया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य सुभाष चंद्र सक्सेना ने कहा कि अनुशासन का अर्थ है शासन या नियंत्रण को मानना। आदर्श जीवन जीने के लिए व्यवस्थाओं का अनुसरण करना ही अनुशासन है। अपने को वश में रखना अनुशासन है। इससे जीवन में व्यवस्था आती है।
कहा कि विद्यार्थी जीवन में इसकी आवश्यकता इसलिए सबसे अधिक होती है क्योंकि इस समय विकसित गुण-अवगुण ही आगे चलकर हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं। अनुशासन के महत्व को समझने वाले विद्यार्थी ही आगे चलकर उच्च पदों को प्राप्त करते हैं। इससे हमें नियमित कार्य करने की क्षमता और प्रेरणा प्राप्त होती है। कक्षा छह के अरुण कुमार सिंह ने कहा कि अनुशासन ही मनुष्य को अच्छा व्यक्ति बनाता है। मेरी राय में अनुशासन शिक्षा के लिए विद्यालय ही सर्वोच्च स्थान है। विद्यार्थियों को यहां पर अनुशासन की शिक्षा अवश्य मिलनी चाहिए। सरकार को स्कूली पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा को महत्वपूर्ण स्थान देना चाहिए। कक्षा आठ के शिवम कश्यप ने कहा कि अनुशासन का अर्थ है स्वयं पर शासन करना। यह शब्द तीन शब्दों से मिलकर बना है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन का महत्व है। इससे हमारे अंदर धैर्य और समझदारी का विकास होता है। साथ ही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। अनुशासन और अभ्यास से हम आत्मविश्वास से भर जाते हैं। हमारे चरित्र और व्यक्तित्व के निर्माण में सबसे अहम भूमिका अनुशासन की ही होती है। हम कह सकते हैं कि वास्तव में अनुशासन ही सफलता की चाबी है। कक्षा आठ की सपना सागर ने कहा कि देश, समाज, संस्था आदि के नियमों के अनुसार चलना अनुशासन कहलाता है। घर, परिवार, समाज, गांव, शहर, राज्य और राष्ट्र हर जगह इसका होना बहुत आवश्यक है। हर नागरिक का अनुशासित होना सबसे आवश्यक और पहला कर्तव्य होना चाहिए। कक्षा आठ की ही नेहा सागर ने भी जीवन में अनुशासन को सर्वोपरि बताया। कहा कि हमारे जीवन मे अनुशासन ऐसा गुण है, जिसकी आवश्यकता पग-पग पर पड़ती है। अनुशासन ही मनुष्य को श्रेष्ठता प्रदान करता है तथा समाज में उत्तम स्थान दिलाने में सहायता करता है। अनुशासन मनुष्य के विकास के लिए आवश्यक है। यदि मनुष्य अनुशासन में जीवनयापन करता है, तो वह स्वयं के लिए सुखद और उज्जवल भविष्य की राह निर्धारित करता है।