साइंटिस्ट बनेगा अंकुश, सरकार देगी 50 हजार महीना
लोहा गांव निवासी अंकुश सक्सेना को साइंटिस्ट बनने के लिए सरकार की ओर से प्रत्येक महीना 50 हजार की स्कॉलरशिप दी जाएगी, जिससे उसके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है। घर पर बधाइयां देने वालों का तांता लगा हुआ है। उसने बताया कि उसके पिता महेंद्र कुमार सक्सेना एक सरकारी अध्यापक थे। पिता उसे साइंटिस्ट बनाना चाहते थे, लेकिन छह वर्ष पूर्व उसके पिता की असमय मौत होने से पूरा परिवार हिल गया। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण उसका वैज्ञानिक बनने का सपना टूटने के कगार पर पहुंच गया। उसकी माता राजेश्वरी देवी ने अंकुश का मार्गदर्शन किया और उसे पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया। मां के उत्साहवर्धन करने पर उसने वर्ष 2010 में हाईस्कूल की परीक्षा 70 प्रतिशत और वर्ष 2012 में इंटरमीडिएट की परीक्षा
जागरण संवाददाता, मिलक : लोहा गांव निवासी अंकुश सक्सेना को साइंटिस्ट बनने के लिए सरकार की ओर से प्रत्येक महीना 50 हजार की स्कॉलरशिप दी जाएगी, जिससे उसके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है। घर पर बधाइयां देने वालों का तांता लगा हुआ है। उसने बताया कि उसके पिता महेंद्र कुमार सक्सेना एक सरकारी अध्यापक थे। पिता उसे साइंटिस्ट बनाना चाहते थे, लेकिन छह वर्ष पूर्व उसके पिता की असमय मौत होने से पूरा परिवार हिल गया।
परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण उसका वैज्ञानिक बनने का सपना टूटने के कगार पर पहुंच गया। उसकी माता राजेश्वरी देवी ने अंकुश का मार्गदर्शन किया और उसे पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया। मां के उत्साहवर्धन करने पर उसने वर्ष 2010 में हाईस्कूल की परीक्षा 70 प्रतिशत और वर्ष 2012 में इंटरमीडिएट की परीक्षा 81 प्रतिशत अंकों के साथ पास की। वह इंटरमीडिएट परीक्षा में सर्वाधिक अंक लाने पर जिले में टॉपर रहा था। इसके बाद उसने बरेली कालेज से बीएससी फाइनल की परीक्षा उत्तीर्ण की। उसने मुरादाबाद के आईएफटीएम कॉलेज से एमएससी की परीक्षा दी, जिसमें वह यूनिवर्सिटी टॉपर रहा। इसके बाद उसने डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करने के लिए नेट की परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दी। केंद्र सरकार की ओर से हाईस्कूल इंटरमीडिएट या एमएससी की परीक्षा में टॉपर रहने वाले छात्र-छात्राओं को आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए स्कॉलरशिप दी जाती है। उसने इंटर परीक्षा में जिला टॉप और एमएससी की परीक्षा में यूनिवर्सिटी टॉप किया था, इसलिए केंद्र सरकार की ओर से उसे प्रत्येक महीने 50 हजार रुपये की स्कॉलरशिप दी जाएगी। इसके साथ ही अंकुश ने पिछले साल नेट की परीक्षा दी, जिसमें वह सफल हुआ।दिल्ली स्थित भारत सरकार द्वारा एकेडमी ऑफ नेशनल लैबोरेट्री में उसका चयन हुआ।अंकुश अब सरकार के द्वारा संचालित इस नेशनल लाटरी में वैज्ञानिक बनने की तैयारी करेगा। उसका चयन होने पर उसके परिवार वालों ने खुशी जाहिर की।