बच्चे की हर जिद को पूरी न करें माता-पिता
रामपुर: कई बार माता-पिता बच्चों से पीछा छुड़ाने के लिए उनकी हर जिद को पूरी कर देते ह
रामपुर: कई बार माता-पिता बच्चों से पीछा छुड़ाने के लिए उनकी हर जिद को पूरी कर देते हैं, लेकिन ऐसा करना ठीक नहीं है। बच्चे की बेहतर परवरिश करें, लेकिन उनकी हर ख्वाहिश पूरी करके अपने बच्चों को जिद्दी न बनाएं। धीरे धीरे किसी भी चीज के लिए जिद करना बच्चे की आदत बन जाती है। इसलिए यह देखें कि जो बच्चे मांग रहे हैं, क्या वो वाकई उनके लिए लाभदायक है। बच्चों की अनुचित मांग के लिए उन्हें तर्कसंगत तरीके से समझाएं। बच्चों के साथ समय बिताएं और उनसे खूब बातें करें, ताकि भविष्य में बच्चा आपसे खुलकर अपनी बात कह सके। बच्चों से बातें करने से उन्हें अकेलापन नहीं लगेगा। उन्हें ये भी नहीं लगेगा की आप उन्हें इग्नोर कर रहे हैं। इस तरह से आप अपने बच्चों को जिद्दी बनने से भी बचा सकते हैं। कोशिश करें कि शुरुआत में ही बच्चे को गलत काम के लिए रोकें। कुछ स्वाभाव बच्चों में आम होते हैं। छोटे बच्चे आक्रोश में आ कर हाथ-पैर चलाते हैं। जब आप अपने बच्चे को पहली बार ऐसा करते देखे, तभी उसे रोक दें। आप बच्चे को डांटे नहीं और न ही उसे मारें, बल्कि उसे ²ढ़ आवाज में ऐसा न करने को बोलें। गंभीर ²ष्टिकोण से उसे संभालने की कोशिश करें। बच्चों पर ज्यादा चिल्लाने से उनके बौधिक विकास पर खराब प्रभाव डाल सकता है। बच्चों के स्वभाव को अपने ऊपर हावी होने न दें। कई बार बच्चे मां-बाप का ध्यान आकर्षित करने के लिए उन पर गुस्सा हो जाते हैं। उनके ऐसा करने पर आप भी गुस्से से वापस नहीं मारें। इसका नतीजा ये होगा की आप के डांटने से आप के बच्चे ऐसी हरकत और भी ज्यादा करने लगे। बच्चों के व्यवहार से बिना प्रभावित हुए उन्हें शांति से हाथ उठाने के बुरे परिणामों के बारे में अवगत कराएं। ¨मटू दूबे, प्रधानाचार्य होली चाइल्ड स्कूल बिलासपुर। छात्रों की बात बच्चों को जिद नहीं करनी चाहिए। उन्हें शेय¨रग की आदत डालनी चाहिए, ताकि वे अपनी चीजें दूसरे बच्चों को दिखाकर प्रभाव न डाल सकें, बल्कि अपनी चीजों को उनके साथ शेयर कर सकें।
तनिष्क जोशी
जिस तरह घर में हमें माता-पिता अच्छा बनने की सीख देते हैं, उसी तरह स्कूल में शिक्षक हमे अच्छी बातें सिखाते हैं। हमें उनकी बातों पर गौर करना चाहिए और उसे अपने जीवन में अपनाना चाहिए।
अनन्य अधिकारी बच्चों के अच्छे व्यहार की सराहना की जानी चाहिए और गलत व्यवहार पर नाराजगी जतानी चाहिए। इससे वह यह बात समझ सकेगा कि उसके अच्छे व्यवहार से सभी प्रसन्न होते हैं।
सदफ खान
छात्र जीवन में ही बच्चे सही और गलत सीख पाते हैं। स्कूल में शिक्षकों से मिलने वाली यह सीख जीवन भर याद रहती है और हमारे भविष्य को संवारने में अहम भूमिका निभाती है।
जसराज नारंग
बच्चे तीन वजह से ¨हसक बर्ताव करते हैं। दुखी होकर, गुस्से या चिढ़चिढ़ेपन की वजह से। इस वजह को जानने की कोशिश करनी चाहिए और उसे प्यार से समझाना चाहिए।
दिव्यांशी नारंग
अच्छाई और बुराई का ज्ञान हमें स्कूल में आकर ही मिलता है। यहां हम अपनी चीजों को एक-दूसरे से शेयर करना सीखते हैं। छात्र जीवन में मिली यह सीख जीवन भर याद रहती है।
गौरव पांडा