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बेटे और पत्नी के साथ रामपुर में एसआइटी के सामने पेश हुए आजम खां, चार दिन का मांगा वक्त

जमीन कब्जाने के मामले में दर्ज मुकदमों की जांच के लिए गठित एसआईटी के सामने आज समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां पेश हो गए।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 05:10 PM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 11:25 PM (IST)
बेटे और पत्नी के साथ रामपुर में एसआइटी के सामने पेश हुए आजम खां, चार दिन का मांगा वक्त
बेटे और पत्नी के साथ रामपुर में एसआइटी के सामने पेश हुए आजम खां, चार दिन का मांगा वक्त

रामपुर, जेएनएन। जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन कब्जाने के आरोप में फंसे सपा सांसद आजम खां सोमवार को पत्नी राज्यसभा सदस्य डॉ. तजीन फात्मा और बेटे विधायक अब्दुल्ला के साथ महिला थाने पहुंच गए। वहां उन्होंने विशेष जांच दल (एसआइटी) इंचार्ज दिनेश गौड़ से मुकदमों में बयान दर्ज कराने के लिए उन्होंने चार दिन का समय मांगा। बाद में मीडिया से बातचीत में कहा कि पुलिस की ओर से सरकारी वकील ने हाई कोर्ट में झूठी रिपोर्ट दे दी कि हम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं जबकि, हमारे दोनों बेटे और पत्नी दो-दो बार बयान दे चुके हैं। हमने चार दिन का समय मांगा लेकिन, हमें रिसीविंग नहीं दी गई, जबकि नियमानुसार रिसीविंग दी जानी चाहिए थी। उन्होंने अफसरों और मुकदमा दर्ज कराने वालों को राय दी कि आइए आज से नई जिंदगी की शुरुआत करें, जो आपने किया उसे आप भूल जाएं, जो हमने सहा उसे हम भूल जाएं। 

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सांसद आजम खां ढाई माह बाद सोमवार को जनता के बीच आए। पहले उन्होंने सपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा मतदान करने पर जोर दिया। आजम खां के संबोधन के बाद उनकी पत्नी राज्यसभा सदस्य डॉ.तजीन फात्मा नामांकन के लिए कलक्ट्रेट चली गईं। वह नामांकन कराकर वापस आई तो आजम खां उन्हें और बेटे अब्दुल्ला को साथ लेकर थाने पहुंच गए। उन्हें जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों के मामले में बयान दर्ज कराने थे।

90 फीसद सवालों का जमीन से मतलब ही नहीं : आजम

सांसद आजम खां बोले कि दरअसल इतने सवालात हैं कि उनके जवाब लिखने में दो दिन लग जाएंगे। 90 फीसदी सवाल ऐसे हैं, जिनका जमीन से कोई संबंध नहीं है। हमसे पूछा जा रहा है कि हमारे बाप का नाम क्या है, मां का नाम क्या है, बहनों का नाम क्या है, उनका अकाउंट नंबर क्या है। इस तरह के तमाम सवालात हैं। हकीकत यह है कि यूनिवर्सिटी की सैकड़ों बीघा जमीन हैं। उसमें पौने चार बीघा जमीन ऐसी है, जिसे लेकर मुकदमेबाजी की गई है। किसान चाहें तो अपनी जमीन जोत लें, चाहें पैसा ले लें, हमें कोई एतराज नहीं। बोले, हमने जिनके बच्चों का भविष्य संवारना चाहा, उन्होंने ही मुकदमे कराए। हम पर भू माफिया, किताब चोर, बकरी चोर का आरोप लगा है। उन्होंने कहा कि हम पहले भी दो बार थाने जा चुके हैं। आज तीसरी बार थाने आए हैं।

भूमाफिया घोषित हो चुके हैं आजम खां

एसआइटी सांसद आजम खां के खिलाफ दर्ज मुकदमों में सुबूत जुटाने में लगी है। हाई कोर्ट ने इन मामलों में आजम खां की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है लेकिन, पुलिस की विवेचना जारी है। पुलिस इस मामले में आजम खां को दो बार नोटिस जारी कर चुकी है। मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों को लेकर पहले से ही विवाद है। किसानों का आरोप है कि उनकी जमीन जबरन यूनिवर्सिटी परिसर में मिला ली गई। इस मामले में 30 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इनमें 26 मुकदमे किसानों ने भी कराए हैं। प्रशासन ने इसको लेकर आजम खां को भूमाफिया भी घोषित कर चुका है।


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